DA News: केंद्र सरकार ने हाल ही में एक बड़ी आर्थिक राहत की घोषणा की है, जिससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ पहुंचेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि 18 महीने का बकाया महंगाई भत्ता (DA) एरियर के रूप में सीधे कर्मचारियों के बैंक खातों में जमा किया जाएगा। इस भत्ते का उद्देश्य महंगाई के प्रभाव को कम करना है, और यह अक्सर हर 6 महीने में समीक्षा के बाद बढ़ाया जाता है।
कोरोना महामारी के दौरान, जनवरी 2020 से जून 2021 तक, DA और DR (महंगाई राहत) में कोई वृद्धि नहीं की गई थी, जिससे कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ा। अब, सरकार ने इस अवधि का बकाया DA एकमुश्त जारी करने का निर्णय लिया है।
डीए एरियर से जुड़े जरुरी तथ्य
- बकाया DA एरियर: 1 तारीख को खाते में जमा होगी।
- लाभार्थी: करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को लाभ।
- आर्थिक लाभ: कर्मचारियों की सैलरी में 2 से 3 लाख रुपये तक का इजाफा।
कैसे होती है DA Arrear की गणना?
DA Arrear की गणना के लिए प्रत्येक अवधि की DA दरों का मूल्यांकन किया जाता है। अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन ₹18,000 है, तो वे इस अवधि के लिए लगभग ₹1.5 लाख के आसपास की राशि प्राप्त कर सकते हैं।
DA Arrear की ऐसे करें जांच
केंद्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले DA Arrear की प्रक्रिया सीधे उनके बैंक खातों में निष्पादित की जाती है। इसकी सही और सटीक प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए, कर्मचारियों को कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए:
- अपने बैंक खाते की जानकारी को अपडेटेड रखें ताकि धनराशि सीधे और सही खाते में जमा हो सके।
- सुनिश्चित करें कि आपके बैंक खाते से पैन और आधार कार्ड जुड़े हुए हैं, ताकि किसी भी तरह की कानूनी जांच में सुविधा हो।
- किसी भी प्रकार की वित्तीय अड़चन या देरी की स्थिति में तुरंत अपने विभाग से संपर्क करें।
- बैंक के ऑनलाइन पोर्टल या मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके अपने DA Arrear की स्थिति की निगरानी करें।
महंगाई भत्ता एरियर से लाभ
- बड़ी राशि की प्राप्ति से आर्थिक स्थिरता बढ़ेगी।
- रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक सहायता में इजाफा होगा।
- पेंशनधारकों की मासिक आय बढ़ेगी।
- DA Arrear पर कोई अतिरिक्त इनकम टैक्स नहीं लगेगा।
सरकार ने शुरू में DA Arrear देने से इनकार किया था, लेकिन कर्मचारी संगठनों के दबाव और उनके त्याग के सम्मान में इस निर्णय पर पुनर्विचार किया गया। यह फैसला न केवल कर्मचारियों की क्रय शक्ति को बढ़ाएगा बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति देगा।