UPS Calculation: 50 हजार की सैलरी पर मिलेगी 1 लाख तक पेंशन… क्या है NPS-UPS के बीच अंतर? जाने पूरी कैलकुलेशन

50 हजार की सैलरी पर 1 लाख पेंशन पाने के लिए UPS की स्थिरता और उच्च पेंशन गणना इसे NPS से बेहतर बनाती है। UPS में अंतिम सैलरी, सेवा की अवधि, और सरकारी लाभों से पेंशन राशि अधिक होती है।

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Written by Rohit Kumar

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UPS Calculation: 50 हजार की सैलरी पर मिलेगी 1 लाख तक पेंशन, जाने पूरी कैलकुलेशन

UPS Calculation: आज के समय रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक सुरक्षा हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण होती है। रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए मौजदा समय में कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) और UPS (यूनिफाइड पेंशन सिस्टम)। हालांकि, दोनों ही योजनाएं अपने तरीके से लाभकारी हैं, लेकिन UPS (जो कि सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू होता है) को NPS की तुलना में बेहतर माना जा सकता है।

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UPS (यूनिफाइड पेंशन सिस्टम) क्या है?

UPS मुख्य रूप से सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है। इसमें कर्मचारी के वेतन का एक निर्धारित हिस्सा पेंशन फंड में जमा किया जाता है। रिटायरमेंट के बाद, कर्मचारियों को नियमित मासिक पेंशन मिलती है, जो उनकी आखिरी सैलरी के एक निश्चित प्रतिशत पर आधारित होती है। UPS को NPS से बेहतर माना जाता है, क्योंकि इसमें पेंशन की स्थिरता और राशि का गणित NPS से अधिक आकर्षक है।

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NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) क्या है?

NPS एक सरकारी योजना है, जिसमें निवेशक अपने करियर के दौरान नियमित रूप से एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। रिटायरमेंट के बाद, निवेशक को एकमुश्त राशि के साथ-साथ मासिक पेंशन भी मिलती है। NPS को मुख्यतः निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए डिज़ाइन किया गया है, लेकिन सरकारी कर्मचारी भी इसका लाभ उठा सकते हैं।

UPS vs. NPS गणित की समझ

मान लीजिए किसी कर्मचारी की मासिक सैलरी 50,000 रुपये है। UPS के तहत, अगर कर्मचारी का बेसिक पे और DA (महंगाई भत्ता) मिलाकर कुल वेतन का 50% पेंशन के लिए निर्धारित किया जाता है, तो रिटायरमेंट के बाद उसकी मासिक पेंशन 25,000 रुपये होगी। लेकिन UPS में एक खासियत यह है कि पेंशन की गणना करते समय कई कारक जुड़े होते हैं, जैसे कि ग्रेड पे, सर्विस की अवधि, और अन्य लाभ, जो पेंशन राशि को बढ़ा सकते हैं।

अगर कोई कर्मचारी UPS के अंतर्गत 30-35 साल तक सेवा करता है, तो उसकी पेंशन राशि उसकी अंतिम सैलरी के करीब-करीब 50% से 60% तक हो सकती है। इससे, यदि कर्मचारी की अंतिम सैलरी 50,000 रुपये थी, तो उसकी मासिक पेंशन लगभग 25,000 से 30,000 रुपये तक हो सकती है। लेकिन अगर इस पर विभिन्न लाभों और संशोधनों को लागू किया जाए, तो यह पेंशन राशि 1 लाख रुपये तक भी पहुँच सकती है।

दूसरी ओर, NPS में निवेश की गई राशि पर मिलने वाली पेंशन बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है। हालांकि NPS में टैक्स लाभ और लचीलापन अधिक है, लेकिन पेंशन राशि की गारंटी और स्थिरता की दृष्टि से यह UPS से पीछे है। NPS में पेंशन का निर्धारण इस बात पर निर्भर करता है कि निवेश की गई राशि रिटायरमेंट के समय कितनी होती है और बाजार में उस समय अनुकूलता कितनी है।

निष्कर्ष

UPS और NPS दोनों ही रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति अपने रिटायरमेंट के बाद उच्च पेंशन की अपेक्षा करता है और जोखिम नहीं लेना चाहता, तो UPS उनके लिए NPS से बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

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