UPS Calculation: भारत सरकार ने एक नवीन पेंशन योजना, यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (UPS) की घोषणा की है, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी। यह योजना वर्तमान में न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के तहत आने वाले कर्मचारियों को इसमें स्विच करने का विकल्प प्रदान करेगी। UPS का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को एक स्थिर और भरोसेमंद पेंशन प्रणाली प्रदान करना है, जिससे उनकी रिटायरमेंट लाइफ अधिक सुरक्षित हो सके।
UPS की मुख्य विशेषताएं
UPS के अंतर्गत, अगर कोई कर्मचारी 10 से 25 वर्षों तक सेवा प्रदान करता है, तो उसे प्रति माह कम से कम ₹10,000 की पेंशन प्राप्त होगी। इससे अधिक सेवा करने पर, कर्मचारी को उसके आखिरी 12 महीने की औसत वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। यह प्रणाली कर्मचारियों को वित्तीय स्थिरता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे वे अपनी रिटायरमेंट के दिनों में भी आत्मनिर्भर रह सकें।
पेंशन और फैमिली पेंशन की गणना
पेंशन राशि का निर्धारण कर्मचारी द्वारा की गई योगदान पर निर्भर करता है। सरकार पेंशन के लिए बेसिक सैलरी का 18.4% और DA योगदान देती है, जबकि कर्मचारी से 10% योगदान की अपेक्षा की जाती है। यह योगदान उनकी पेंशन राशि को प्रभावित करता है, और उनके परिवार को मृत्यु के उपरांत मिलने वाली फैमिली पेंशन की राशि भी इसी से निर्धारित होती है।
पेंशन की प्रभावी उदाहरण
- बेसिक सैलरी ₹50,000: कर्मचारी को 25 वर्षों की सेवा के बाद मासिक ₹25,000 की पेंशन मिलेगी। महंगाई राहत के साथ यह राशि ₹37,500 हो सकती है। परिवार को मृत्यु के बाद प्रति महीने ₹15,000 (60% फैमिली पेंशन) प्राप्त होगी।
- बेसिक सैलरी ₹65,000: ऐसे कर्मचारी को ₹32,500 की मासिक पेंशन मिलेगी, जिसमें महंगाई राहत के बाद ₹48,750 हो सकती है। मृत्यु के बाद परिवार को ₹29,250 (डीआर सहित) मिलेगी।
- बेसिक सैलरी ₹75,000: इस स्थिति में, कर्मचारी को ₹37,500 की पेंशन मिलेगी, जो महंगाई राहत के साथ ₹56,250 हो जाती है। परिवार को मृत्यु के बाद ₹33,725 मिलेगी।
निष्कर्ष
यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (UPS) के लागू होने से सरकारी कर्मचारियों को उनकी वित्तीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार की आशा है। यह योजना उन्हें अधिक प्राप्य और स्थिर पेंशन प्रदान करने का वादा करती है, जिससे उनकी रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी अधिक आरामदायक और सुरक्षित बन सकती है।
UPS सरकारी कर्मचारियों के लिए एक वरदान साबित हो सकता है, खासकर उनके लिए जो आर्थिक स्थिरता और दीर्घकालिक सुरक्षा की तलाश में हैं।