UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने राज्य कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए GPF (सामान्य भविष्य निधि) खातों के प्रबंधन को पूरी तरह से ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है। इस नई प्रणाली के तहत GPF खातों की जानकारी अब मैन्युअल प्रक्रिया से मुक्त होकर पूरी तरह डिजिटल हो जाएगी। इससे कर्मचारियों को उनके GPF से जुड़े वित्तीय लेनदेन में तेजी और पारदर्शिता का लाभ मिलेगा।
ऑनलाइन होंगे GPF खाते
नई प्रणाली के अनुसार, सेंट्रल ट्रेजरी सर्वर से DDO पोर्टल के माध्यम से GPF खातों के लेनदेन का डेटा महालेखाकार कार्यालय को ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाएगा। इससे सेवाकाल के दौरान और सेवानिवृत्ति के समय GPF राशि का मिलान और भुगतान प्रक्रिया में काफी सुधार होगा।
मैन्युअल प्रक्रिया से मिली आजादी
पहले GPF खातों की जानकारी को मैन्युअल रूप से प्रबंधित किया जाता था, जिससे अक्सर गलतियों की संभावना रहती थी और प्रक्रिया में देरी होती थी। अब, ऑनलाइन व्यवस्था से कर्मचारियों को बिना किसी रुकावट के अपने GPF खातों की जानकारी प्राप्त होगी। इससे मैन्युअल प्रक्रिया की जटिलताओं से मुक्ति मिलेगी।
इस नई व्यवस्था के तहत, GPF से संबंधित सभी लेनदेन तुरंत महालेखाकार के पास पहुंच जाएंगे, जिससे कर्मचारियों को अपने पैसे के भुगतान में देरी नहीं होगी। इससे GPF राशि का वितरण और मिलान तेजी से हो सकेगा।
ऑनलाइन रखरखाव की प्रक्रिया:
कर्मचारी अब अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से कोषवाणी पोर्टल का उपयोग कर GPF से जुड़े दस्तावेज़ ऑनलाइन एक्सेस कर सकते हैं। इससे खातों का रखरखाव न केवल सरल होगा बल्कि इसे पारदर्शी भी बनाया जा सकेगा।
कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ:
इस नई प्रणाली से कर्मचारियों को कई लाभ मिलेंगे जैसे:
- GPF खातों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होने से प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
- मैन्युअल त्रुटियों और देरी से छुटकारा मिलेगा।
- कर्मचारियों को उनके GPF से संबंधित सभी जानकारी और दस्तावेज़ मोबाइल से आसानी से उपलब्ध होंगे, जिससे उनकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
इस कदम से उत्तर प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को वित्तीय लेन-देन में बड़ी राहत मिलेगी और वे अपने भविष्य निधि से संबंधित मामलों को सरलता से निपटा सकेंगे।