स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में 42 लाख CGHS (सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) लाभार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें उन्हें विभिन्न औपचारिकताओं में छूट प्रदान की गई है। इस पहल का उद्देश्य CGHS लाभार्थियों को अधिक सुलभ और सुविधाजनक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। इन दिशा-निर्देशों से न केवल अस्पतालों में भर्ती प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, बल्कि ओपीडी सेवाओं में भी लाभार्थियों को कई महत्वपूर्ण राहतें दी गई हैं।
मुख्य दिशा-निर्देश और छूट
- हॉस्पिटल में भर्ती के लिए अनुमति पत्र की आवश्यकता समाप्त: अब CGHS लाभार्थियों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए अनुमति पत्र जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह कदम लाभार्थियों को आपातकालीन परिस्थितियों में तत्काल चिकित्सा सहायता प्राप्त करने में सहायक होगा।
- रेफरल मेमो पर स्टाम्प की अनिवार्यता खत्म: रेफरल मेमो पर स्टाम्प की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है, जिससे प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी।
- CGHS कार्ड की फोटोकॉपी की मांग पर रोक: अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा केंद्रों को अब CGHS कार्ड की फोटोकॉपी की मांग नहीं करनी होगी। इसके स्थान पर, CGHS ऐप या डिजिलॉकर से कार्ड को सत्यापित किया जा सकता है, जिससे डिजिटल इंडिया के तहत सेवाओं को और अधिक सुविधाजनक बनाया जा सकेगा।
- CGHS कियॉस्क और नोडल अधिकारी की नियुक्ति: प्रत्येक अस्पताल और सेंटर पर एक समर्पित CGHS कियॉस्क स्थापित करना अनिवार्य किया गया है, जहां एक नोडल अधिकारी नियुक्त होगा। यह अधिकारी CGHS लाभार्थियों की समस्याओं का समाधान करेगा और उसकी जानकारी प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी।
विशेष लाभ
- 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के लाभार्थियों के लिए विशेष सुविधा: इस उम्र के लाभार्थी बिना रेफरल के सीधे CGHS सूचीबद्ध अस्पतालों के विशेषज्ञों से ओपीडी परामर्श ले सकेंगे, जिससे उन्हें विशेषज्ञ सेवाओं का त्वरित लाभ मिलेगा।
- सेवानिवृत्त एयर इंडिया कर्मचारियों के लिए कैशलेस उपचार: वैध CGHS कार्ड धारक सेवानिवृत्त एयर इंडिया कर्मचारी भी अब सभी CGHS सूचीबद्ध स्वास्थ्य संगठनों में कैशलेस उपचार के पात्र होंगे, और उनके बिलों को यूटीआई आईटीएसएल पोर्टल के माध्यम से संसाधित किया जाएगा।
संक्रमण नियंत्रण और शुल्क संबंधी दिशा-निर्देश
CGHS पैनल वाले अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा केंद्रों के लिए संक्रमण नियंत्रण बनाए रखना अनिवार्य होगा, और इसके लिए लाभार्थियों से कोई अलग शुल्क नहीं लिया जाएगा। इन नए दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा, और यदि कोई अस्पताल या स्वास्थ्य सेवा केंद्र इन नियमों का पालन करने में असफल रहता है, तो उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ये नए दिशा-निर्देश CGHS लाभार्थियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होंगे। इससे न केवल उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं तक सरल पहुंच प्राप्त होगी, बल्कि प्रक्रिया में पारदर्शिता और समय की बचत भी होगी। सरकार के इस कदम से लाखों लाभार्थियों को CGHS के अंतर्गत बेहतर और अधिक सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।