पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 20% बढ़ी अतिरिक्त पेंशन पाने के लिए 80 साल की जरूरत नही

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि पेंशनभोगियों को 79 वर्ष की आयु पूरी कर 80वें वर्ष में प्रवेश करते ही अतिरिक्त पेंशन मिलनी चाहिए। सरकार की गणना पद्धति अनुचित मानी गई और तुरंत पेंशन वृद्धि का भुगतान करने का निर्देश दिया।

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Written by Rohit Kumar

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पेंशनर्स के लिए हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, 20% बढ़ी अतिरिक्त पेंशन के लिए 80 साल की जरूरत नही

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य के पेंशनभोगियों के अधिकारों की रक्षा करते हुए स्पष्ट किया है कि जब कोई पेंशनभोगी 79 वर्ष की उम्र पूरी कर लेता है और 80वें वर्ष में प्रवेश करता है, तो उसे तुरंत अतिरिक्त पेंशन (Additional Pension) का लाभ मिलना चाहिए। इस निर्णय से राज्य के अनेक पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी, जो अपने अधिकारों से वंचित थे।

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डॉ. के.के. कौल बनाम राज्य सरकार

इस मामले में याचिकाकर्ता डॉ. के.के. कौल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। डॉ. कौल नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के डीन के पद से जून 1991 में सेवानिवृत्त हुए थे। उनके जन्म प्रमाण पत्र के अनुसार, उनकी जन्मतिथि 13 अक्टूबर 1932 है। उन्होंने कोर्ट में यह याचिका लगाई थी कि उन्होंने 79 वर्ष की आयु पूरी कर ली है, लेकिन पेंशन में निर्धारित वृद्धि का लाभ उन्हें नहीं मिला है।

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एमपी सिविल सेवा पेंशन नियम और विवाद

मध्य प्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियमों के अनुसार, पेंशनभोगियों की आयु के आधार पर उनकी पेंशन में क्रमिक वृद्धि का प्रावधान है। 80 से 85 वर्ष के पेंशनभोगियों को 20% अतिरिक्त पेंशन, 85 से 90 वर्ष के बीच 30% अतिरिक्त पेंशन, 90 से 95 वर्ष के बीच 40% अतिरिक्त पेंशन, और 95 से 100 वर्ष के बीच 50% अतिरिक्त पेंशन दी जाती है। 100 वर्ष की आयु के बाद यह वृद्धि 100% हो जाती है।

इस मामले में विवाद की जड़ यह थी कि राज्य सरकार अतिरिक्त पेंशन की गणना 80 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद करती थी। जबकि याचिकाकर्ता के वकील, आदित्य सांघी, ने यह तर्क दिया कि जैसे ही कोई व्यक्ति 79 वर्ष की आयु पूरी कर 80वें वर्ष में प्रवेश करता है, उसे 20% अतिरिक्त पेंशन का अधिकार मिल जाता है।

न्यायालय का निर्णय

बता दें, न्यायमूर्ति आनंद पाठक की अध्यक्षता वाली बेंच ने राज्य सरकार की गणना पद्धति को अनुचित मानते हुए याचिकाकर्ता के पक्ष में निर्णय दिया। कोर्ट ने सरकार को निर्देशित किया कि डॉ. कौल को 80 वर्ष में प्रवेश करने के आधार पर एक महीने के भीतर उनकी बढ़ी हुई पेंशन का भुगतान किया जाए। यह निर्णय न केवल याचिकाकर्ता के लिए, बल्कि राज्य के अन्य पेंशनभोगियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।

केंद्र सरकार के लिए संकेत

इस निर्णय के बाद यह अपेक्षा की जा रही है कि केंद्र सरकार भी इस मुद्दे पर विचार करेगी और पूरे देश में पेंशनभोगियों को 79 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 80वें वर्ष में प्रवेश करते ही 20% पेंशन वृद्धि का लाभ देने का प्रावधान करेगी। वर्तमान में, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से पुराने पेंशन योजना (OPS) में स्विच करने के लिए कोई अतिरिक्त समय सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं रखा है। इसके अलावा, हाल ही में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 1 जनवरी, 2004 के बाद नियुक्त किए गए केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए NPS अनिवार्य है और इसके लिए स्विच करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त, 2023 थी।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का यह फैसला पेंशनभोगियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे राज्य के वृद्ध नागरिकों को उनकी उम्र के अनुसार पेंशन में वृद्धि का समय पर लाभ मिल सकेगा।

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