UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के हित में कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए हैं, जिनमें से प्रमुख है भविष्य निधि (GPF) खातों का डिजिटलीकरण। यह कदम न केवल प्रशासनिक सुगमता प्रदान करेगा बल्कि अनावश्यक देरियों और मानवीय त्रुटियों को भी कम करेगा।
नवीनीकरण के द्वारा सुविधा में वृद्धि
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, इस नई व्यवस्था के तहत राज्य के सभी GPF खाते अब ऑनलाइन प्रबंधित किए जाएंगे। इससे खाताधारकों को अपने खाते की नियमित अपडेट्स और लेन-देन की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी। यह पहल रिटायरमेंट के समय धन प्राप्ति में होने वाली देरी को भी कम करेगी।
मैनुअल से डिजिटल प्रक्रिया में परिवर्तन
इस डिजिटलीकरण पहल से पहले, GPF खातों का रखरखाव मैनुअल रूप से होता था, जिसमें मानवीय त्रुटियों की संभावना रहती थी। अब इस प्रणाली को डिजिटल बनाने से खाता संबंधित त्रुटियाँ कम होंगी और प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी।
ऑनलाइन रखरखाव की प्रक्रिया
इस नई प्रणाली के अंतर्गत, सभी GPF लेनदेन की जानकारी सेंट्रल ट्रेजरी सर्वर के माध्यम से महालेखाकार कार्यालय को भेजी जाएगी। इस प्रकार सेवाकाल के दौरान की गई सभी जमाओं और निकासियों की सही जानकारी रखी जा सकेगी और रिटायरमेंट पर बकाया राशि की सही गणना सुनिश्चित हो सकेगी।
कर्मचारियों के लिए लाभ
इस डिजिटल प्रणाली से कर्मचारियों को अपने GPF खाते की स्थिति और लेन-देन की जानकारी आसानी से और तत्काल प्राप्त हो सकेगी। यह व्यवस्था कर्मचारियों को अपने निवेश और बचत की योजना बनाने में मदद करेगी और उन्हें वित्तीय सुरक्षा की एक मजबूत गारंटी प्रदान करेगी।
इन पहलों के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार ने दर्शाया है कि वह अपने कर्मचारियों के कल्याण और सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है, और यह कि उनके हितों की रक्षा और उन्हें सशक्त बनाने के लिए नवीन और प्रभावी उपाय किए जा रहे हैं।