SC News: भारतीय न्यायपालिका के समक्ष वर्तमान में उपस्थित एक महत्वपूर्ण विषय है जिला न्यायाधीशों की पेंशन संबंधी समस्याएँ। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर गहन सुनवाई की, जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने की। इस सुनवाई में केंद्र सरकार से इस मामले को शीघ्र सुलझाने की अपील की गई, जो न्यायालयीन न्यायिक प्रणाली की कार्यक्षमता के लिए अत्यंत आवश्यक है।
सेवानिवृत्ति के बाद नही मिलती प्रयाप्त पेंशन
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने जिला न्यायाधीशों की पेंशन संबंधी दुखद स्थिति का उल्लेख करते हुए बताया कि कई जजों को महज 15,000 रुपये मासिक पेंशन प्राप्त होती है, जबकि उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की जरूरतें कहीं अधिक होती हैं। यहाँ तक कि उच्च न्यायालय में पदोन्नति प्राप्त न्यायाधीशों को भी 30,000 रुपये महीने की पेंशन मिलती है, जो कि उनकी विशेषज्ञता और समर्पण के मुकाबले काफी कम है।
निकाला जाए समुचित समाधान
इस मुद्दे पर गहन बहस के लिए, केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी समय मांगा ताकि वे इस समस्या का समुचित समाधान निकाल सकें। सुनवाई के दौरान, अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ ने भी इस विषय को उठाया और न्यायाधीशों की पेंशन व सेवानिवृत्ति लाभों की अनदेखी के खिलाफ आवाज उठाई।
इस संदर्भ में, न्यायालय मित्र के रूप में वकील के परमेश्वर ने उल्लेख किया कि कई राज्यों ने दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (SNJPC) की सिफारिशों का पालन किया है, जो कि न्यायिक अधिकारियों के लिए एक सकारात्मक कदम है।
27 अगस्त निर्धारित की गई अगली सुनवाई
अगली सुनवाई की तिथि 27 अगस्त निर्धारित की गई है, जिसमें इस मामले के समाधान की दिशा में आगे की प्रगति की उम्मीद की जा रही है। यह मामला न केवल न्यायाधीशों की वित्तीय स्थिति को प्रभावित करता है बल्कि यह भारतीय न्यायिक प्रणाली की समग्र गुणवत्ता और न्याय के प्रति समर्पण को भी दर्शाता है।
मैं 31/05/2006
को रिटायर्ड हुआ हू मुझे पेंशन 3700/ मिलता है मैं हार्ट patient मरीज़ हू. Muje 2008 मे pacemaker
लगा है . मेरा खर्चा इस पेंशन se nahi चल पाता है .मैं Northern coal field ltd singrauli से रिटायर्ड हू.