पेंशनभोगियों के सामने आने वाली आम समस्याओं में से एक है पेंशन की राशि में संशोधन न होना। एक बार पेंशन तय हो जाने के बाद, यह वर्षों तक अपरिवर्तित रहती है, जिससे कई पेंशनभोगियों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, नवीनतम सुधारों और डिजिटल उपकरणों के माध्यम से अब पेंशनभोगियों के लिए अपनी पेंशन में सुधार और बकाया एरियर्स प्राप्त करना संभव हो गया है। इस लेख में हम कुछ प्रमुख मामलों का विश्लेषण करेंगे जिनमें पेंशनभोगियों ने सफलतापूर्वक अपने हक की रकम प्राप्त की।
केस स्टडी 1: विकलांगता एलिमेंट की बकाया राशि
श्री पूरनचंद्र, जो 30 सितंबर 2019 को सेना से रिटायर हुए थे, को विकलांगता एलिमेंट का लाभ नहीं मिल पाया था। चार वर्षों तक कोई लाभ न मिलने पर उन्होंने CPENGRAMS पोर्टल पर शिकायत दर्ज की, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें आखिरकार 15 फरवरी 2024 को ₹24,06,521 का भुगतान किया गया।
केस स्टडी 2: ग्रेच्युटी और कॉम्यूटेशन का भुगतान
श्री सतनाम सिंह, जिन्होंने मार्च 2023 में BSF से रिटायरमेंट लिया, को उनकी ग्रेच्युटी और कॉम्यूटेशन के दावे समय पर नहीं मिले। उन्होंने CPENGRAMS के टोल फ्री नंबर: 1800-11-1960 पर शिकायत की और अंततः ₹20,38,997 की राशि 10 महीने के बाद प्राप्त हुई।
केस स्टडी 3: फैमिली पेंशन का बकाया भुगतान
श्रीमती राजेश कुमारी, जो दूरसंचार विभाग के तहत अपने स्वर्गीय पति की दूसरी पत्नी हैं, ने फैमिली पेंशन के लिए लड़ाई लड़ी। उनकी पेंशन 8 सालों के लंबे संघर्ष के बाद, और विभिन्न मंचों पर अपील करने के बाद, 23 लाख 95 हजार रुपए का बकाया प्राप्त हुआ।
संशोधित पेंशन प्रक्रिया की उपयोगिता
इन मामलों से स्पष्ट होता है कि नई डिजिटल प्रणाली और सक्रिय शिकायत निवारण तंत्र के माध्यम से पेंशनभोगियों को उनकी सही राशि प्राप्त करने में मदद मिली है। CPENGRAMS और अन्य ऑनलाइन पोर्टल्स का उपयोग करके, पेंशनभोगियों को अपने दावों की जल्दी और प्रभावी ढंग से प्रक्रिया करने में सहायता मिली है।
पेंशनभोगियों को यह सलाह दी जाती है कि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और समय-समय पर अपनी पेंशन की स्थिति की जांच करें। यदि कोई समस्या है तो तुरंत CPENGRAMS जैसे पोर्टल्स पर शिकायत दर्ज करें और निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें। इससे न केवल उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा बल्कि उन्हें अपने जीवन के इस चरण में आर्थिक सुरक्षा भी मिलेगी।
Private sector ki tarf dhyan de sarkar