पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी! कोर्ट ने कम्युटेशन कटौती पर लगाई रोक, पूरी पेंशन देने का दिया आदेश

सेवानिवृत्त पेंशनभोगी श्री एस के गगनेजा ने पेंशन कटौती रोकने की याचिका AFT, दिल्ली में दायर की। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए अंतिम निर्णय तक पेंशन कटौती पर रोक लगाई और तीन महीने में दलीलें पूरी करने का निर्देश दिया।

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Written by Rohit Kumar

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पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी! कोर्ट ने कम्युटेशन कटौती पर लगाई रोक, पूरी पेंशन देने का दिया आदेश

श्री एस के गगनेजा, जो केंद्र सरकार से सेवानिवृत्त पेंशनभोगी हैं, ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (AFT) दिल्ली में याचिका दर्ज करवाई थी और न्यायालय से अपील की कि वे सरकार को आदेश दें कि उनकी पेंशन से हो रही कम्युटेशन कटौती को फौरन बंद किया जाए। गगनेजा का तर्क था कि 11 वर्ष और 6 महीने की पूर्व निर्धारित समयावधि समाप्त हो चुकी है, और अब किसी भी आगे की कटौती की कोई वैधता नहीं रही। इसलिए, जब तक कि मामले का निर्णायक फैसला नहीं हो जाता, उनके पेंशन से किसी भी कम्युटेशन कटौती को रोक देना चाहिए।

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याचिकाकर्ता की प्रमुख मांगें

श्री गगनेजा ने अपनी याचिका में यह भी अनुरोध किया कि 01 सितंबर 2022 के बाद से हुई पेंशन कटौती की राशि उन्हें वापस की जाए। उनका तर्क है कि निर्धारित अवधि के बाद भी पेंशन में कटौती जारी रखना अनुचित है। इसलिए, उन्होंने AFT से यह आदेश देने की मांग की कि सरकार यह राशि उन्हें लौटाए।

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अंतरिम राहत की मांग

याचिकाकर्ता ने आगे अंतरिम राहत की भी मांग की, जिसमें उन्होंने कहा कि जब तक अंतिम निर्णय नहीं होता, तब तक उनकी पेंशन से 18,800 रुपये प्रति माह की कम्युटेशन कटौती को रोका जाए। उनका कहना था कि यह कटौती पूरी तरह अनावश्यक है और उनकी आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।

देरी के लिए माफी

AFT ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उन्हें ज्ञात होने के बावजूद उन्होंने कोर्ट का रुख क्यों नहीं किया। याचिकाकर्ता ने देरी के लिए माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने कुछ वर्तमान मामलों का हवाला देते हुए इस देरी को माफ करने की अपील की है।

संदर्भित मामले

श्री गगनेजा ने अपने मामले को मजबूत बनाने के लिए कुछ अन्य मामलों का हवाला दिया है:

  • शिला देवी और अन्य बनाम पंजाब राज्य: इस मामले में, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पेंशन की कम्यूटेड राशि की वसूली पर रोक लगाई थी।
  • राम सरूप जिंदल बनाम पंजाब राज्य: इस मामले में भी उच्च न्यायालय ने पेंशन कटौती पर रोक लगाने का आदेश दिया था।

AFT का आदेश

AFT ने याचिकाकर्ता की प्रार्थनाओं को स्वीकार करते हुए सरकार को नोटिस जारी किया है और तीन महीने के भीतर दोनों पक्षों को अपनी दलीलें पेश करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 09 अगस्त 2024 को प्रधान रजिस्ट्रार के सामने होगी, जबकि मुख्य बेंच के सामने इस मामले की सुनवाई 16 दिसंबर 2024 को होगी।

अंतरिम निर्णय

अंतरिम रूप से, न्यायालय ने सरकार को आदेश दिया है कि वे श्री गगनेजा की पेंशन से 18,800 रुपये की कटौती तब तक न करें, जब तक कि इस मामले पर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता।

यह निर्णय न केवल श्री गगनेजा के लिए, बल्कि उन सभी पेंशनभोगियों के लिए महत्वपूर्ण है जो पेंशन कटौती से प्रभावित हैं। यह आदेश न्यायपालिका के संवेदनशील दृष्टिकोण और पेंशनभोगियों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

15 thoughts on “पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी! कोर्ट ने कम्युटेशन कटौती पर लगाई रोक, पूरी पेंशन देने का दिया आदेश”

  1. उक्त कोर्ट के अनुसार हमारी मासिक पैन्शन से कम्यूटेशन की राशि काटना बंद करके जो अतिरिक्त राशि काटी गई है बह लौटाईं जाय । मुझे रिटायर हुए बारह साल से अधिक हो गये है । मैं सुरेन्द्र कुमार सक्सेना सीनियर सैक्शन इन्जिनियर बिघुत बरेली से ३१ जुलाई २०१२ को रिटायर हुआ था।

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  2. महशय ,मै,30 सितम्बर 2012 मे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सेना निर्बल हो गया लेकिन अभी तक कम्युटर पैसा काट कर पेनसन मिल रहा है।जब कि 11 साल 6महिने के बन्द हो जाना चाहिए। मुझे सलाह दे।

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  3. मी माझी सैनिक हवालदार बाबु नुरा राठोड तारिख 01082009से ई एम ई कोर से सेवा निवृत्त झालेले आहे 01082024 मधे माझे सेवा निवृत्तीला पंधरा वर्षे पूर्ण झाली आहे काय माझे कमुटेशन बंद होणार कां।

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  4. मेरा रिटायर्ड का 17 वें साल का 3rd माह शुरू हो गया है अभी भी कुछ कुल 3754/प्रतिमाह , में से कुछ अंश 2600 / हर माह लगभग कटौती हो ही रही है।, समझ में नहीं आ रहा की क्यों?

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