7th Pay Commission Update: महीनों की चुप्पी के बाद, मोदी सरकार ने नई पेंशन योजना (NPS) की जगह पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। OPS, जो वर्तमान में सशस्त्र बलों और कुछ अन्य को छोड़कर अधिकांश केंद्रीय सेवाओं के लिए लागू नहीं है, को लेकर केंद्रीय कर्मचारी लगातार इसके पुनः लागू होने की मांग कर रहे हैं।
पुरानी पेंशन योजना बनाम नई पेंशन योजना
2004 में केंद्र सरकार ने OPS को खत्म कर NPS को लागू किया था, जिसके बाद से यह बहस छिड़ी हुई है कि नई व्यवस्था क्या वास्तव में पेंशनभोगियों के हितों की रक्षा कर रही है या नहीं। OPS के तहत सरकारी कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता था, जबकि NPS में उनके वेतन का एक हिस्सा काटा जाता है और सेवानिवृत्ति के समय नियोक्ता के अंशदान के साथ इसका भुगतान किया जाता है।
सरकार का रुख और वित्त मंत्री की टिप्पणी
हाल ही में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में कहा कि OPS की बहाली का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को अपने बजट भाषण में NPS की समीक्षा के लिए गठित समिति की प्रगति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन की अध्यक्षता वाली समिति पुरानी पेंशन योजना की वापसी की मांग के विभिन्न पहलुओं पर गौर कर रही है और एक समाधान विकसित किया जाएगा जो राजकोषीय विवेक बनाए रखते हुए प्रासंगिक मुद्दों को संबोधित करता है।
कर्मचारी संगठनों की मांगें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में संयुक्त सलाहकार तंत्र (जेसीएम) की राष्ट्रीय परिषद (कर्मचारी पक्ष) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों से संबंधित 14 मांगें उठाईं, जिनमें से एक पुरानी पेंशन योजना की बहाली थी। उन्होंने पेंशन के कम्यूटेड हिस्से की बहाली की समय अवधि को मौजूदा 15 साल से घटाकर 12 साल करने की भी मांग की।
निष्कर्ष
केंद्रीय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग और सरकार की ओर से इसकी समीक्षा के संकेतों के बीच, यह मुद्दा भविष्य में और गंभीर रूप ले सकता है। हालांकि, वर्तमान में सरकार का स्पष्ट रुख है कि OPS की बहाली पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। अब देखना यह होगा कि वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन की अध्यक्षता वाली समिति क्या समाधान प्रस्तुत करती है और यह किस हद तक कर्मचारियों की अपेक्षाओं को पूरा कर पाता है।
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