नई दिल्ली, विज्ञान भवन में पेंशनभोगियों की मांगों पर विचार करने के लिए DOPT की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि और पेंशनभोगी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस बैठक में पेंशनभोगियों की विभिन्न मांगों पर चर्चा की गई और कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
1. पेंशनधारकों का हेल्थ चेकअप
पेंशनभोगी संगठनों ने पेंशनधारकों के लिए आवधिक हेल्थ चेकअप की मांग की थी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने बताया कि पेंशनधारकों को साल में एक बार हेल्थ चेकअप कराने की अनुमति दी गई है। हेल्थ चेकअप के इच्छुक पेंशनधारक CGHS सूचीबद्ध अस्पताल में CGHS वेलनेस सेंटर के CMO से रेफरल ले सकते हैं।
2. 65 साल से मिले 5% अतिरिक्त पेंशन का फायदा
पेंशनभोगी संगठनों ने 65 साल की उम्र से पेंशन में अतिरिक्त 5% की बढ़ोतरी की मांग की थी। DOPPW के जॉइंट सेक्रेटरी ने बताया कि इस प्रस्ताव को स्वीकार करने से वित्तीय स्थिति बिगड़ सकती है और राज्य सरकारों के पेंशनभोगियों से भी ऐसी मांगें आ सकती हैं। फिलहाल यह मामला विचाराधीन है।
3. FMA में बढ़ोतरी
Non-CGHS क्षेत्र में रहने वाले पेंशनधारकों के फिक्स मेडिकल अलाउंस (FMA) को ₹1000 से बढ़ाकर ₹3000 करने की मांग की गई थी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी ने बताया कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार 1 जुलाई 2017 से FMA ₹1000 किया गया था। फिर भी, पेंशनभोगी संगठनों ने पुनर्विचार की मांग की है और यह मामला विचाराधीन है।
4. फैमिली पेंशनधारकों के लिए फिक्स मेडिकल अलाउंस
रेलवे बोर्ड ने फैमिली पेंशनधारकों (विधवा, तलाकशुदा और अविवाहित बेटियों) को भी फिक्स मेडिकल अलाउंस और RELHS का लाभ देने का आदेश जारी किया है।
5. रेलवे किराए में पेंशनधारकों/सीनियर सिटीजन को मिले छूट
रेलवे मंत्रालय ने पेंशनधारकों और वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे किराए में छूट बहाल करने की मांग को खारिज कर दिया। वर्तमान में रेलवे दिव्यांग यात्रियों, विद्यार्थियों और रोगियों को छूट प्रदान कर रही है।
6. 30 जून/31 दिसंबर को रिटायर कर्मियों को 1 इन्क्रिमेंट का फायदा
नोशनल इन्क्रिमेंट के मुद्दे पर, DOPT के प्रतिनिधियों ने बताया कि मौजूदा नियमों में संशोधन का मामला अटॉर्नी जनरल के साथ पुनर्विचार किया जाएगा और जल्द ही इन्क्रिमेंट देने का आदेश जारी किया जाएगा।
7. Commutation बहाली 12 साल पर
पेंशनभोगी संगठनों ने केंद्र सरकार से कम्यूटेशन बहाली को 15 साल से घटाकर 12 साल करने की मांग की थी। DOPT सचिव ने बताया कि इस पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
इन निर्णयों से पेंशनभोगियों को फौरी तौर पर काफी राहत मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा। सरकार द्वारा इन मुद्दों पर किए गए सकारात्मक कदम पेंशनधारकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।
ई पी एस 95 के पेंशनर्स के लिए क्या न्यूज है पेंशन बढ़ेगी तो कब तक।
Sir modi ji benumre nivedon hai ki ager eps pension per koi faisla nahi le pa rahye hain toh . garib members ka 15. 20. 25. 30. 35. Barsh ka pension main jo bhi paisa jmma hai. Members ko kaise loutaya Jay . Chaye Jo bhi resolution cancelation karna pare, karna chaye itna bhari lord aap doh nahin payinge, thanks
Kuch nahi
There is no final decision on any issues despite several requests & representations against long pending issues of the Employees& Pensioners.
The Govt and officials must discharge their duties honestly and sincerely by DECISIONS & not lingering the issues.
Whereas Politicians breach principles of Equality and enjoy special laws & regulations for themselves like multiple Pensions, Tax free Perks and Tax free Pensions which is absolutely 💯 % WRONG & Gross abuse of their Authority. No individual or Group can be a judge for himself or themselves as a matter of principle and therefore, all such regulations are illegal.
Absolutely correct
They have funds for vote bank not for employees. BJP is known for its anti employees mind set. Let us see how far BJP will go.
Sir mail haryna state se retaired hu mujhy lab fma or 12 year commute kafaida lab mily ga
KOUCH BHI NAHI DEGI YE SARKAR
बिलकुल सही कहा आपने
Sahi
Purani sarkaron se to achchha kar rahi hai, par hame baaki bachi demands par pressure bana kar rakhna hai.
जब जब भी केंद्र में बी जे पी सरकार रही है, इसने हमेशा कर्मचारी विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है l कर्मचारिओं /पेंशनरों की न्यायसंगत मांगों की उपेक्षा की है, लेकिन वर्कलोड और जिम्मेदारियां थोपने में कोई संकोच नहीं किया है l इस सरकार से कर्मचारी हित की कोई उम्मीद नहीं है l
Such news puts Govt in very auckward position and causes loss of reputation…declare only when final decision are taken.
Giving False heading of news should be avoided
Purani sarkaron se to achchha kar rahi hai, par hame baaki bachi demands par pressure bana kar rakhna hoga