केंद्र सरकार राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में एक महत्वपूर्ण बदलाव की योजना बना रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार NPS में सुनिश्चित पेंशन सीमा लागू करने पर विचार कर रही है, जिसमें सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 45 से 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाएगा। माना जा रहा है कि 23 जुलाई को पेश होने वाले पूरे बजट में इसका ऐलान हो सकता है।
समीक्षा और समिति का गठन
पिछले साल सरकार ने नई पेंशन योजना की समीक्षा के लिए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। इस समिति का उद्देश्य बिना पुरानी पेंशन व्यवस्था पर लौटे, NPS में सुधार के तरीकों का पता लगाना था। समिति ने हाल ही में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपी हैं, और यह संभावना जताई जा रही है कि बजट में इन सिफारिशों को लागू किया जा सकता है। दिसंबर में वित्त मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया था कि सरकार पुरानी पेंशन योजना की तरफ नहीं लौटेगी।
कर्मचारियों को कितना फायदा
प्रस्तावित मसौदे में सरकार किसी कर्मचारी के अंतिम वेतन का न्यूनतम 45 से 50 फीसदी सुनिश्चित पेंशन राशि देने की घोषणा कर सकती है। उदाहरण के लिए, अगर किसी का वेतन 50,000 रुपये महीना है और वह सेवानिवृत्त होता है, तो उसे 20,000 से 25,000 रुपये प्रति महीने पेंशन के रूप में मिलेंगे। यदि पेंशन राशि आधार से कम होती है, तो सरकार इस कमी को पूरा करने के लिए फंड जारी करेगी। वर्तमान में सरकारी कर्मचारी NPS में 36 से 38 फीसद के बीच औसत रिटर्न अर्जित करते हैं।
पुरानी पेंशन का मुद्दा
बता दें, सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल करने की मांग लगातार उठा रहे हैं और यह राजनीतिक स्तर पर भी बड़ा मुद्दा बन चुका है। कई राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था फिर से लागू की गई है, जिससे अन्य राज्यों और केंद्रीय कर्मचारी भी पुरानी पेंशन लागू करने की मांग कर रहे हैं।
NPS पर विवाद
पुरानी पेंशन योजना में सरकार कर्मचारी के अंतिम वेतन पर 50 फीसदी पेंशन की गारंटी देती थी, जबकि NPS में कर्मचारी को अपने आधार वेतन का 10 फीसदी योगदान देना होता है और सरकार 14 फीसदी योगदान भरती है। NPS बाजार से जुड़ी योजना है, जिसमें सुनिश्चित पेंशन राशि की गारंटी नहीं होती है।
नई पेंशन योजना का इतिहास
पहले 2004 तक, भारत सरकार की पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत सेवानिवृत्ति पर सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन के आधार पर पेंशन प्रदान की जाती थी, और यह पेंशन उनके परिवार को भी मिलती थी अगर कर्मचारी का निधन हो जाता था। अप्रैल 2004 में, NDA सरकार ने नई पेंशन स्कीम (NPS) लागू कर दी, जिसमें नए नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर दिया गया था। इस नई योजना को बाद में विभिन्न राज्य सरकारों ने भी अपनाया।