1 जुलाई 2024 से OROP 3 (One Rank One Pension) लागू हो चुका है, जिससे पेंशनरों में उम्मीदें बढ़ गई हैं। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण मांगें अभी भी सैनिकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं, जिनमें सिपाही से हवलदार (Sep से Hav) रैंक के लिए 18% पेंशन वृद्धि और JCOs/HCOs (Junior Commissioned Officers/Honorary Commissioned Officers) के लिए OROP 2 एरियर के 9% वृद्धि की मांग प्रमुख है।
मौजूदा पेंशन विसंगतियाँ
OROP योजनाओं के बावजूद, कुछ रैंकों की पेंशन में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो पाई है। सिपाही से हवलदार रैंक के सैनिकों की पेंशन में पर्याप्त वृद्धि न होने से उनकी वित्तीय स्थिति पर प्रभाव पड़ा है। इसी प्रकार, JCOs और HCOs को OROP 2 के दौरान पर्याप्त पेंशन वृद्धि नहीं मिली थी।
समानता का सिद्धांत
OROP का मुख्य उद्देश्य समान रैंक के सैनिकों के लिए समान पेंशन सुनिश्चित करना है। यह मांग इस उद्देश्य को पूरा करने और सभी रैंकों के बीच समानता स्थापित करने के लिए उठाई जा रही है।
Sep से Hav रैंक के लिए 18% पेंशन वृद्धि की मांग
सिपाही से हवलदार रैंक के सैनिकों द्वारा 18% पेंशन वृद्धि की मांग की जा रही है। यह वृद्धि सैनिकों की वित्तीय स्थिरता और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। यह रैंक सबसे अधिक जोखिम और कठिनाइयों का सामना करती है, इसलिए उनकी पेंशन में यह वृद्धि जरूरी है।
OROP 3 और पेंशन वृद्धि की मांग
OROP (One Rank One Pension) योजना का उद्देश्य समान रैंक के लिए समान पेंशन सुनिश्चित करना है, जिससे रिटायरमेंट के बाद भी वेतन अंतर को बनाए रखा जा सके। 1 जुलाई 2024 से OROP 3 लागू हो चुका है, जिसमें सभी रैंकों के लिए पेंशन में वृद्धि शामिल है। हालांकि, Sep (सिपाही) से Hav (हवलदार) रैंक के सैनिकों द्वारा 18% पेंशन वृद्धि और JCOs/HCOs (Junior Commissioned Officers/Honorary Commissioned Officers) द्वारा 9% OROP 2 एरियर की मांग उठाई गई है।
JCOs/HCOs के लिए 9% OROP 2 एरियर की मांग
OROP 2 के दौरान JCOs/HCOs की पेंशन में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो पाई थी। इसलिए, उनके लिए 9% एरियर की मांग उन्हें वित्तीय राहत प्रदान करने के लिए की जा रही है।
पेंशन वृद्धि के संभावित प्रभाव
- इन मांगों के पूरा होने से सैनिकों और उनके परिवारों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।
- पेंशन वृद्धि से सैनिकों का मनोबल बढ़ेगा और वे अपनी सेवाओं को अधिक सम्मान और संतोष के साथ देखेंगे।
- ये मांगें OROP के मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं और सैनिकों के बीच समानता और न्याय सुनिश्चित करेंगी।
मांग की जायजता
यह मांगें इसलिए जायज लगती हैं क्योंकि:
- वेतन अंतर को कम करना: OROP का मूल उद्देश्य समान रैंक के लिए समान पेंशन है। यह मांग रैंकों के बीच मौजूदा वेतन अंतर को कम करने में मदद करेगी।
- न्याय और समानता: यह सुनिश्चित करना कि सभी रैंक के पेंशनर समान रूप से लाभान्वित हों, OROP के सिद्धांतों के अनुरूप है।
Sir I served IAF from 1971 to 1986 on completion of 15 yrs as corporal group 2
Am I entitled for increase of pension as notified in press
Pls update and pension scale too
Regards jai hind