भारत में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन जैसे-जैसे करीब आती है, लोगों के बीच तनाव और चिंता बढ़ जाती है। अंतिम समय में रिटर्न फाइल करने में गलती होने की संभावना ज्यादा होती है, जिससे आप पर जुर्माना भी लग सकता है।
इसलिए डेडलाइन से पहले ही रिटर्न फाइल कर देना फायदेमंद है। इसके लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण डॉक्युमेंट्स जुटाने होंगे, जिनमें फॉर्म-16, एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और फॉर्म 26AS शामिल हैं।
सही फॉर्म का चुनाव क्यों है महत्वपूर्ण?
इन डॉक्युमेंट्स के बाद सबसे महत्वपूर्ण कदम सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव करना है। गलत फॉर्म का चयन करने से आपका रिटर्न डिफेक्टिव हो सकता है, जिसे सुधारने में समय और परेशानी दोनों होते हैं। इसलिए सही फॉर्म का चुनाव करना अत्यंत आवश्यक है। आईटीआर-1 को सहज भी कहा जाता है, लेकिन इसे हर कोई नहीं भर सकता।
कौन नहीं कर सकता आईटीआर-1 का इस्तेमाल?
- इनकम 50 लाख से ज्यादा: अगर किसी टैक्सपेयर की कुल इनकम वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये से ज्यादा है, तो वह आईटीआर-1 का इस्तेमाल नहीं कर सकता।
- रेजिडेंट नॉन-ऑर्डिनरिली रेजिडेंट (RNOR) और NRI: ये लोग भी आईटीआर-1 का उपयोग नहीं कर सकते।
- एग्रीकल्चर से इनकम: अगर किसी व्यक्ति की एग्रीकल्चर से इनकम 500 रुपये से ज्यादा है, तो वह भी आईटीआर-1 का इस्तेमाल नहीं कर सकता।
- लॉटरी, घोड़ों की रेस आदि से इनकम: इन स्रोतों से इनकम होने पर आईटीआर-1 का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
- कैपिटल गेंस: अगर वित्त वर्ष के दौरान किसी एसेट्स को बेचने से कैपिटल गेंस हुआ है, तो आईटीआर-1 का उपयोग नहीं किया जा सकता।
- अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर: ऐसी कंपनियों में निवेश करने वाले लोग भी आईटीआर-1 नहीं भर सकते।
- बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम: इनकम के इस स्रोत पर भी आईटीआर-1 का इस्तेमाल नहीं हो सकता।
- कंपनी में डायरेक्टर: अगर आप कंपनी में डायरेक्टर हैं, तो भी आईटीआर-1 नहीं भर सकते।
- ईसॉप्स: कंपनियों के ऐसे एंप्लॉयीज जिन्हें ईसॉप्स मिला है, वे भी आईटीआर-1 का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
- एक से ज्यादा घर: अगर किसी व्यक्ति के पास एक से ज्यादा घर है, तो भी आईटीआर-1 का उपयोग नहीं कर सकते।
सही फॉर्म का चुनाव कैसे करें?
सही फॉर्म का चुनाव करने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं का ध्यान रखें:
- अपनी इनकम के स्रोत पहचानें: यह जानें कि आपकी इनकम कहां से आ रही है – सैलरी, बिजनेस, कैपिटल गेंस, रेंटल इनकम, आदि।
- डॉक्युमेंट्स जुटाएं: फॉर्म-16, AIS, फॉर्म 26AS, बैंक स्टेटमेंट्स आदि तैयार रखें।
- आईटीआर फॉर्म का अध्ययन करें: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर उपलब्ध आईटीआर फॉर्म्स की जानकारी पढ़ें।
- टैक्स एक्सपर्ट की सलाह लें: अगर आपको सही फॉर्म का चुनाव करने में किसी तरह की दिक्कत आ रही है तो आप टैक्स एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं।
अंतिम समय में रिटर्न फाइल करने से बचें
टैक्स एक्सपर्ट हमेशा यही सलाह देते हैं कि अंतिम समय में रिटर्न फाइल करने से बचें। इससे न केवल गलती की संभावना कम हो जाती है, बल्कि आपको सही तरीके से रिटर्न फाइल करने का पर्याप्त समय भी मिल जाता है।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना कोई कठिन काम नहीं है, अगर आप सही तरीके और समय पर इसे करें। सही डॉक्युमेंट्स तैयार रखें, सही फॉर्म का चुनाव करें और जरूरत पड़ने पर एक्सपर्ट की सलाह लें। इससे आप न केवल जुर्माने से बचेंगे, बल्कि टेंशन फ्री भी रह पाएंगे।