
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। मौजूदा केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) को एक नई बीमा-आधारित स्कीम, केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी स्वास्थ्य बीमा योजना (CGEPHIS), से प्रतिस्थापित करने की तैयारी हो रही है। CGEPHIS का उद्देश्य मौजूदा CGHS के भीतर आ रही सीमाओं को दूर करना और पूरे भारत में सुलभ, कैशलेस और समावेशी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
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CGHS बनाम CGEPHIS
CGHS अब तक एक सरकारी प्रबंधित प्रणाली थी, जहां लाभार्थी चयनित शहरों में सरकारी डिस्पेंसरी या पैनल अस्पतालों के माध्यम से चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त करते थे। जबकि प्रस्तावित CGEPHIS पूरी तरह बीमा-आधारित होगी, जिसका संचालन IRDAI से मान्यता प्राप्त बीमा कंपनियां करेंगी। इससे न केवल सेवाओं की पहुँच देश भर में फैलेगी बल्कि निजी अस्पतालों में भी कैशलेस उपचार संभव होगा।
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हाल ही में CGHS में आए बड़े बदलाव
जब तक CGEPHIS को औपचारिक रूप से लागू नहीं किया जाता, CGHS में कई बड़े सुधार किए जा चुके हैं। 28 अप्रैल 2025 से एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया है, जिससे सेवाओं में पारदर्शिता और त्वरित समाधान संभव हुआ है। अब प्रत्येक लाभार्थी को एक अद्वितीय PAN-आधारित पहचान से जोड़ा जा रहा है ताकि डुप्लिकेट रिकॉर्ड की समस्या समाप्त हो सके।
इसके साथ ही कार्ड ट्रांसफर, श्रेणी परिवर्तन और आश्रितों की स्थिति में बदलाव जैसी सुविधाएं पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई हैं। सबसे खास बात यह है कि जिन कर्मचारियों के वेतन से CGHS का योगदान कटता है, उन्हें बिना आवेदन के सीधे CGHS कार्ड जारी किया जा रहा है।
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CGEPHIS: संभावित मुख्य विशेषताएं
CGEPHIS के संभावित प्रारूप के अनुसार, इसे एक बीमा मॉडल के तहत संचालित किया जाएगा जिसमें IRDAI द्वारा पंजीकृत बीमा कंपनियां सेवाएं देंगी। पेंशनभोगियों को भी इस योजना में विशेष स्थान मिलेगा, जिससे उन्हें व्यापक अस्पताल नेटवर्क में कैशलेस सुविधा मिल सकेगी। इस योजना पर पूरी तरह नियामक निगरानी IRDAI के माध्यम से रखी जाएगी, जिससे सेवा गुणवत्ता का मानक सुनिश्चित होगा।