
7वें वेतन आयोग ने Junior Commissioned Officers (JCOs) और Other Ranks (ORs) की पेंशन को लेकर जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं, वो काफी महत्वपूर्ण हैं, खासकर पूर्व-सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए। पेंशन निर्धारण के लिए दो प्रमुख फॉर्मूले अपनाए गए हैं। पहला, सेवा के अंत में प्राप्त मूल वेतन के आधार पर पेंशन की गणना की जाती है। दूसरा, पूर्व-2016 में प्राप्त पेंशन को 2.57 के गुणक से संशोधित करके नई पेंशन तय की जाती है। इन दोनों फॉर्मूलों में से जो भी पेंशन राशि अधिक होती है, वही अंतिम पेंशन के रूप में दी जाती है।
उदाहरण के लिए, एक हवलदार (Group D), जिसकी सेवानिवृत्ति 31 जनवरी 1989 को हुई थी और जिसने कुल 18.5 वर्षों की सेवा दी थी, उसकी पूर्व-2016 पेंशन ₹7,693 थी। 2.57 के गुणक से संशोधित पेंशन ₹19,772 होती है, जबकि नोटेशनल वेतन के आधार पर संशोधित पेंशन ₹17,200 निर्धारित होती है। इसलिए, अधिक राशि होने के कारण उसे ₹19,772 की मासिक पेंशन दी जाएगी।
X ग्रुप पे में तकनीकी योग्यता का लाभ
X ग्रुप पे को लेकर भी 7वें वेतन आयोग ने संशोधन किए हैं। AICTE द्वारा मान्यता प्राप्त डिप्लोमा धारकों को ₹6,200 प्रतिमाह की अतिरिक्त राशि प्रदान की जाती है, जबकि तकनीकी योग्यता न रखने वाले कार्मिकों को ₹3,600 प्रतिमाह। यह संशोधन 01 जनवरी 2016 से प्रभावी हुआ है, लेकिन केवल उन्हीं कार्मिकों के लिए जो उस दिन सेवा में थे। पूर्व-2016 सेवानिवृत्त कार्मिकों पर यह लागू नहीं होता।
समन्वय तालिकाओं की भूमिका
पूर्व-2016 में सेवानिवृत्त JCOs और ORs के पेंशन निर्धारण के लिए सरकार ने Concordance Tables यानी समन्वय तालिकाएँ जारी की हैं। ये तालिकाएँ 3rd, 4th, 5th और 6th वेतन आयोग के वेतनमानों को 7वें वेतन आयोग के लेवल्स से जोड़ती हैं। इसके माध्यम से नोटेशनल वेतन तय किया जाता है, जिससे पेंशन की नई गणना होती है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि अलग-अलग वेतन आयोगों के तहत सेवा देने वाले कर्मियों को समान लाभ मिले।
वन रैंक वन पेंशन (OROP) का प्रभाव
OROP यानी One Rank One Pension योजना के तहत, 01 जुलाई 2024 से पेंशन संशोधन लागू कर दिया गया है। इस संशोधन के तहत, सभी पात्र सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों की पेंशन को उनकी रैंक और सेवा अवधि के अनुसार पुनः निर्धारित किया गया है। यह उन पूर्व-सैनिकों के लिए राहत भरी खबर है जो लंबे समय से पेंशन में समानता की मांग कर रहे थे।