
सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बार फिर बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है। 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के बाद अब चर्चा है कि अगला पे कमीशन यानी 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी को ₹18,000 से बढ़ाकर ₹51,480 करने की सिफारिश कर सकता है। यदि ऐसा होता है, तो यह केंद्र और राज्य स्तर पर कार्यरत लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा वित्तीय बदलाव साबित होगा।
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न्यूनतम वेतन में भारी इजाफा संभव
नए वेतन आयोग के अनुसार, यदि फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को 2.86 तक बढ़ा दिया जाए, तो कर्मचारियों की मौजूदा न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से सीधे ₹51,480 हो जाएगी। यह इजाफा केवल बेसिक सैलरी तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अन्य अलाउंस जैसे HRA, TA और DA में भी बड़ा असर दिखेगा। इससे कुल वेतन संरचना में व्यापक परिवर्तन आएगा और कर्मचारियों की क्रय शक्ति में उल्लेखनीय सुधार होगा।
पेंशनभोगियों को भी मिलेगा लाभ
सिर्फ सक्रिय कर्मचारियों ही नहीं, बल्कि रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों यानी पेंशनभोगियों को भी इस पे कमीशन से लाभ मिलने की उम्मीद है। 7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम पेंशन ₹9,000 निर्धारित की गई थी। अब संभावना है कि 8वें वेतन आयोग के अंतर्गत इसे बढ़ाकर ₹25,740 किया जाएगा। इससे वरिष्ठ नागरिकों को महंगाई से लड़ने में बड़ी राहत मिल सकती है।
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नए वेतन आयोग की संभावित समयसीमा
जानकारों के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें वर्ष 2026 से लागू की जा सकती हैं। अभी सरकार की ओर से इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इसकी तैयारी प्रारंभिक स्तर पर शुरू हो चुकी है। वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव की व्यवहारिकता और आर्थिक असर का विश्लेषण कर रहा है। कर्मचारी संगठनों की मांगों और सरकार की मौद्रिक नीति के अनुसार इसका प्रारूप तय किया जाएगा।
वेतन आयोग और महंगाई का तालमेल
महंगाई दर और कर्मचारियों की जरूरतों के बीच संतुलन बनाने के लिए वेतन आयोग समय-समय पर वेतन संरचना की समीक्षा करता है। 8वें वेतन आयोग की प्रस्तावित वृद्धि केवल आर्थिक राहत ही नहीं है, बल्कि यह कर्मचारियों के मनोबल और उत्पादकता को भी नई दिशा दे सकती है। खासतौर पर वर्तमान में जब महंगाई, किराया और स्वास्थ्य सेवाओं के खर्च में लगातार वृद्धि हो रही है, ऐसे समय में यह संशोधन अत्यंत प्रासंगिक और आवश्यक बन जाता है।
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