
सेना से रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा सबसे पहली ज़रूरत होती है, और यही वह समय होता है जब एक मजबूत पेंशन प्लान (Pension Plan) आपको जीवनभर की स्थिरता प्रदान कर सकता है। रिटायर्ड फौजियों के लिए कुछ खास योजनाएं बनाई गई हैं, जो न सिर्फ उनकी सेवा के सम्मान को बनाए रखती हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बनाती हैं। इन योजनाओं में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय और भरोसेमंद विकल्प OROP, NPS, LIC सरल पेंशन योजना और सेना की पारंपरिक पेंशन प्रणाली हैं।
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वन रैंक, वन पेंशन (OROP) का लाभ
OROP योजना सेना के पूर्व कर्मियों के लिए एक ऐतिहासिक और लाभदायक योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य समान रैंक और सेवा अवधि वाले सभी सेवानिवृत्त सैनिकों को एकसमान पेंशन प्रदान करना है, चाहे वे किसी भी वर्ष सेवानिवृत्त हुए हों। यह योजना 30 जून 2014 से पहले रिटायर हुए सभी सशस्त्र बलों के सदस्यों पर लागू होती है। OROP की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पुराने और नए रिटायर्ड फौजियों के बीच पेंशन में असमानता को खत्म करती है और प्रत्येक को सम्मानजनक पेंशन सुनिश्चित करती है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) एक आधुनिक विकल्प
NPS एक स्वैच्छिक रिटायरमेंट योजना है जिसे भारत सरकार द्वारा संचालित किया जाता है। यह योजना रिटायर्ड फौजियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी हो सकती है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो अतिरिक्त बचत और टैक्स में छूट पाना चाहते हैं। NPS में दो प्रकार के खाते होते हैं: टियर I और टियर II। टियर I खाता अनिवार्य पेंशन फंड है, जिसमें योगदान पर टैक्स छूट मिलती है। टियर II खाता वैकल्पिक होता है, जिसमें निकासी की पूरी स्वतंत्रता होती है। सेवानिवृत्ति के समय इस योजना से एकमुश्त राशि प्राप्त होती है, जबकि शेष राशि वार्षिकी में जाती है, जिससे जीवनभर मासिक पेंशन मिलती रहती है।
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LIC सरल पेंशन योजना: सुनिश्चित मासिक आमदनी
LIC द्वारा चलाई जा रही सरल पेंशन योजना उन रिटायर्ड फौजियों के लिए आदर्श है, जो निवेश की जटिलताओं से बचना चाहते हैं और एक स्थिर मासिक आमदनी चाहते हैं। इस योजना में 40 से 80 वर्ष की आयु के बीच कोई भी व्यक्ति एकमुश्त राशि का निवेश करके आजीवन मासिक पेंशन पा सकता है। यह योजना सिंगल लाइफ या जॉइंट लाइफ (पति-पत्नी दोनों के लिए) में उपलब्ध है, जिससे परिवार की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है। योजना की खास बात यह है कि यह बिल्कुल पारदर्शी है और इसमें कोई छिपा हुआ शुल्क नहीं होता।
सेना की पारंपरिक पेंशन प्रणाली की मजबूती
भारतीय सेना के पेंशन नियम आज भी बेहद ठोस और भरोसेमंद हैं। सेना के जवानों को सेवानिवृत्ति के बाद उनकी अंतिम तनख्वाह के औसत का 50% पेंशन के रूप में प्राप्त होता है, जो न्यूनतम ₹9,000 प्रति माह होती है। यह व्यवस्था लंबे समय से चली आ रही है और यह रिटायर्ड फौजियों के लिए एक मजबूत आर्थिक आधार प्रदान करती है। इसके अलावा उन्हें महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) भी पेंशन में जोड़ा जाता है, जिससे समय के साथ उनकी आमदनी स्थिर बनी रहती है।
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