
अगर आप एक सैलरीड प्रोफेशनल हैं और आपकी सैलरी स्ट्रक्चर में HRA (House Rent Allowance – मकान किराया भत्ता) शामिल है, तो यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है कि इस पर कितना टैक्स बच सकता है। खासकर 2025 में लागू नए टैक्स स्लैब्स और नियमों को देखते हुए, HRA की सटीक कैलकुलेशन आपको टैक्स प्लानिंग में बड़ी मदद दे सकती है।
कैसे काम करता है HRA का कैलकुलेशन फॉर्मूला?
HRA पर टैक्स छूट आयकर अधिनियम की धारा 10(13A) के तहत दी जाती है, और यह तीन अलग-अलग मापदंडों में से सबसे कम राशि पर लागू होती है:
- नियोक्ता द्वारा प्रदान किया गया वास्तविक HRA
- यदि आप मेट्रो शहर में रहते हैं तो मूल वेतन (Basic Salary) का 50%, अन्य शहरों में 40%
- वास्तविक किराया – (मूल वेतन का 10%)
इन तीनों में जो सबसे कम रकम होगी, वही HRA की टैक्स-फ्री सीमा मानी जाएगी।
उदाहरण से समझें HRA कैलकुलेशन
मान लीजिए आपकी सैलरी डिटेल्स इस प्रकार हैं:
- बेसिक सैलरी: ₹50,000 प्रति माह
- HRA: ₹20,000 प्रति माह
- किराया: ₹18,000 प्रति माह
- शहर: दिल्ली (मेट्रो शहर)
गणना के अनुसार:
- वास्तविक HRA = ₹20,000
- 50% बेसिक सैलरी = ₹25,000
- किराया – 10% बेसिक सैलरी = ₹18,000 – ₹5,000 = ₹13,000
तीनों में से सबसे कम ₹13,000 टैक्स फ्री होगा। बाकी ₹7,000 पर टैक्स लगेगा।
मेट्रो बनाम नॉन-मेट्रो शहर – क्यों है फर्क मायने रखने वाला?
HRA की गणना में शहर का वर्गीकरण बेहद अहम है। मेट्रो शहरों के लिए छूट सीमा 50% होती है, जबकि अन्य शहरों में यह सीमा 40% है।
- मेट्रो शहर (50%): दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई
- नॉन-मेट्रो शहर (40%): बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, गुरुग्राम, नोएडा, अहमदाबाद, फरीदाबाद, नवी मुंबई, ठाणे आदि।
ये शहर भले ही आधुनिक सुविधाओं से लैस हों, लेकिन टैक्स नियमों में इन्हें मेट्रो शहर की मान्यता प्राप्त नहीं है।
HRA कैलकुलेशन के लिए ऑनलाइन टूल्स की मदद लें
अगर आप मैन्युअल कैलकुलेशन से बचना चाहते हैं, तो कई ऑनलाइन टूल्स उपलब्ध हैं जो आपकी जानकारी के आधार पर सटीक HRA छूट दिखाते हैं। कुछ प्रमुख टूल्स हैं:
- Income Tax Department HRA Calculator
- Groww HRA Calculator
- ET Money HRA Calculator
- 5paisa HRA Calculator
आपको बस अपनी Basic Salary, DA (अगर लागू हो), HRA राशि, रेंट और शहर का नाम भरना होता है।
कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं HRA छूट के लिए?
HRA क्लेम करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:
- मकान मालिक से प्राप्त Rent Receipts
- किरायानामा (Rent Agreement)
- बैंक स्टेटमेंट या ट्रांजेक्शन का डिजिटल प्रमाण
- सालाना ₹1 लाख से अधिक किराया होने पर मकान मालिक का PAN नंबर
महत्वपूर्ण बातें जो ध्यान में रखें
अगर आपने New Tax Regime को चुना है, तो HRA की छूट उपलब्ध नहीं है।
यदि आप अपने माता-पिता से किराए पर रहते हैं, तब भी HRA क्लेम कर सकते हैं – लेकिन जरूरी है कि किराया भुगतान का उचित प्रमाण हो।
नकद में किया गया भुगतान आयकर विभाग की जांच का कारण बन सकता है।