
रिटायर्ड सैनिकों को दी जाने वाली पेंशन और सुविधाएं न केवल आर्थिक सुरक्षा का माध्यम हैं, बल्कि ये उस सम्मान की भी प्रतीक हैं जो देश उनकी सेवा के बदले अर्पित करता है। एक रिटायर्ड सैनिक के तौर पर, यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि सरकार आपको किन-किन योजनाओं और स्कीम्स का लाभ देती है, जिनमें सेवा पेंशन-Service Pension, वन रैंक वन पेंशन-OROP, और ECHS स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं। आइए इन लाभों को विस्तार से समझते हैं।
सेवा पेंशन-Service Pension
रिटायर्ड अधिकारियों के लिए न्यूनतम 20 वर्षों की सेवा और PBOR (Personnel Below Officer Rank) के लिए न्यूनतम 15 वर्षों की सेवा अनिवार्य है। इसके अंतर्गत अंतिम वेतन या पिछले 10 महीनों के औसत वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाता है। यह राशि न्यूनतम ₹9,000 प्रति माह सुनिश्चित की गई है, जिससे सैनिकों को सेवा के बाद भी स्थिर आय मिलती है।
सेवानिवृत्ति उपदान-Retirement Gratuity
कम से कम 5 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले रिटायर्ड सैनिकों को सेवानिवृत्ति उपदान दिया जाता है। हर पूर्ण छह महीने की सेवा के लिए अंतिम मूल वेतन और महंगाई भत्ते का चौथाई हिस्सा मिलता है, जिसकी अधिकतम सीमा ₹10 लाख निर्धारित है।
विकलांगता पेंशन-Disability Pension
जो सैनिक सेवा के दौरान घायल हो जाते हैं या किसी गंभीर बीमारी का शिकार हो जाते हैं, उन्हें विकलांगता पेंशन मिलती है। इसमें सेवा तत्व के रूप में वेतन का 50% और विकलांगता तत्व के रूप में पूर्ण विकलांगता के लिए वेतन का 30% दिया जाता है। आंशिक विकलांगता के मामले में यह राशि अनुपातिक रूप से कम होती है।
पारिवारिक पेंशन-Family Pension
सैनिक की मृत्यु पर आश्रितों को पारिवारिक पेंशन मिलती है। सामान्य मृत्यु की स्थिति में अंतिम वेतन का 60% विशेष पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलता है। यदि सैनिक की मृत्यु युद्ध या आतंक विरोधी अभियानों में हुई हो, तो उदार पारिवारिक पेंशन के तहत अंतिम वेतन के बराबर राशि प्रदान की जाती है।
बच्चों की शिक्षा भत्ता-Children Education Allowance
हवलदार, पेटी ऑफिसर और सार्जेंट स्तर के रिटायर्ड सैनिकों को अपने बच्चों की शिक्षा हेतु भत्ता मिलता है। यह राशि ₹1,000 प्रति बच्चा प्रतिमाह है, अधिकतम दो बच्चों के लिए कक्षा 1 से 12 तक।
ECHS स्वास्थ्य सुविधाएं
ECHS (Ex-Servicemen Contributory Health Scheme) के अंतर्गत रिटायर्ड सैनिकों और उनके आश्रितों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं दी जाती हैं। इसमें पैन-इंडिया मेडिकल सेंटर, एम्पैनल्ड अस्पताल और विशेषज्ञ सेवाएं शामिल हैं।
पुनर्वास और रोजगार अवसर
पूर्व सैनिकों को पुनर्वास और नौकरी के अवसर देने के लिए सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र में विशेष आरक्षण की व्यवस्था की गई है। ग्रुप ‘C’ में 14.5% और ग्रुप ‘D’ में 24.5% रिक्तियां उनके लिए आरक्षित हैं। युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों के लिए अतिरिक्त 4.5% आरक्षण भी उपलब्ध है।
वन रैंक वन पेंशन-OROP
OROP का उद्देश्य यह है कि समान रैंक और सेवा अवधि वाले सैनिकों को, चाहे उन्होंने किसी भी वर्ष सेवा समाप्त की हो, समान पेंशन मिले। यह योजना सैनिकों के बीच पेंशन असमानता को खत्म करती है और लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करती है।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम-UPS
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाली यह स्कीम आधुनिक पेंशन प्रणाली की दिशा में बड़ा कदम है। इसके तहत अंतिम 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। कर्मचारी का योगदान बेसिक सैलरी और DA का 10% होगा, जबकि सरकार 18.5% का योगदान देगी। न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा जरूरी होगी।
संपर्क और सहायता
रिटायर्ड सैनिकों के लिए कई पोर्टल्स और बोर्ड्स मौजूद हैं जो उन्हें मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करते हैं:
- Pensioners Portal: pensionersportal.gov.in
- पूर्व सैनिक कल्याण विभाग: desw.gov.in
- जिला सैनिक बोर्ड: स्थानीय स्तर पर व्यक्तिगत सहायता के लिए