
सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में ₹50,000 तक का इजाफा एक बड़ी राहत और उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिशों के तहत यह संभावित बढ़ोतरी केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ पहुंचा सकती है। यह इजाफा फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) में संशोधन और महंगाई भत्ते-Dearness Allowance (DA) में वृद्धि के साथ जुड़ा हुआ है, जिससे सैलरी का कुल ढांचा पूरी तरह से बदल सकता है।
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फिटमेंट फैक्टर में बदलाव और संभावित वृद्धि
फिलहाल कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 है, जिसे बढ़ाकर ₹26,000 किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। इस प्रस्ताव के साथ फिटमेंट फैक्टर को भी वर्तमान 2.57 से बढ़ाकर 3.68 किया जा सकता है। यदि यह लागू होता है, तो एक कर्मचारी जिसकी वर्तमान सैलरी ₹46,000 है, उसे नई व्यवस्था के तहत ₹66,000 तक सैलरी मिल सकती है। इसी तरह जिनका बेसिक ₹30,000 है, उनकी कुल सैलरी ₹1.10 लाख तक पहुंच सकती है। यह सैलरी वृद्धि केवल मूल वेतन तक सीमित नहीं होगी, बल्कि HRA, TA और DA में भी समानुपातिक वृद्धि होगी।
किन कर्मचारियों को मिलेगा सीधा लाभ
यह प्रस्ताव केंद्रीय कर्मचारियों के सभी ग्रेड पर लागू होगा, जिसमें ग्रुप C, ग्रुप B और ग्रुप A के अधिकारी शामिल हैं। साथ ही, इसमें वे कर्मचारी भी शामिल हैं जो अभी शुरुआत के स्तर पर काम कर रहे हैं या क्लर्क, सहायक, जूनियर इंजीनियर जैसे पदों पर नियुक्त हैं। इसके अतिरिक्त, पेंशनभोगियों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा, क्योंकि उनकी पेंशन अंतिम ड्रॉ सैलरी पर आधारित होती है। इस वृद्धि से उनकी मासिक पेंशन में भी उल्लेखनीय सुधार होगा।
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राज्य सरकारों पर संभावित असर
केवल केंद्र सरकार ही नहीं, बल्कि राज्य सरकारें भी आमतौर पर केंद्र के वेतन आयोग की सिफारिशों को अपने कर्मचारियों के लिए लागू करती हैं। इस कारण उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों के कर्मचारियों को भी यह लाभ भविष्य में मिल सकता है। हालांकि यह राज्य सरकारों के वित्तीय फैसलों पर निर्भर करेगा, लेकिन केंद्रीय पहल की तर्ज पर अमल की संभावना काफी प्रबल रहती है।
पेंशनर्स और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए क्या बदलेगा
पेंशनर्स के लिए यह बढ़ोतरी दोहरे लाभ का काम करेगी। एक तरफ जहां उनकी मौजूदा पेंशन में बढ़ोतरी होगी, वहीं रिटायरमेंट बेनिफिट्स जैसे ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट की गणना भी बढ़े हुए वेतन के आधार पर होगी। इससे रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय स्थिति और बेहतर होगी। एक औसत पेंशन जो अभी ₹9,000 के आसपास है, वह बढ़कर ₹13,000 से ₹14,000 के बीच पहुंच सकती है।
वेतन आयोग की स्थिति और कार्यान्वयन की संभावना
8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया प्रारंभिक स्तर पर है। कर्मचारियों की यूनियनों और संगठनों द्वारा इस पर लगातार दबाव डाला जा रहा है कि इसे 2026 से पहले ही लागू किया जाए। सरकार ने अभी तक कोई स्पष्ट तिथि घोषित नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। यदि इसे जल्द लागू किया जाता है, तो इससे चुनाव पूर्व कर्मचारियों के बीच सकारात्मक संदेश भी जाएगा।
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