
1 अप्रैल 2025 से लागू हुए नए TDS (Tax Deducted at Source) नियमों ने लाखों टैक्सपेयर्स को राहत की सांस दी है। खासकर सीनियर सिटिज़न और निवेशकों के लिए यह बदलाव काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। केंद्र सरकार ने इन नियमों को सरल बनाते हुए छूट की सीमा बढ़ा दी है ताकि ज्यादा लोग टैक्स डिडक्शन के दायरे से बाहर आ सकें। ये परिवर्तन न केवल ब्याज और डिविडेंड आय पर लागू होंगे बल्कि बीमा एजेंट और रेंटल इनकम को भी प्रभावित करेंगे।
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सीनियर सिटिज़न के लिए ब्याज आय पर बड़ी राहत
नए नियमों के अनुसार अब बैंक, को-ऑपरेटिव सोसाइटी और पोस्ट ऑफिस से मिलने वाली ब्याज आय पर TDS तभी काटा जाएगा जब यह सालाना ₹1 लाख से अधिक हो। पहले यह सीमा ₹50,000 थी। इसका लाभ उन वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा जिनकी नियमित आय पेंशन या ब्याज पर निर्भर करती है। इससे उन्हें न केवल टैक्स बचत में मदद मिलेगी, बल्कि आयकर रिटर्न फाइलिंग का झंझट भी कम होगा।
सामान्य निवेशकों को भी छूट का फायदा
गैर-सीनियर सिटिज़न के लिए भी ब्याज आय पर TDS की छूट सीमा को ₹40,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया गया है। इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जो फिक्स्ड डिपॉजिट या सेविंग्स अकाउंट में निवेश करते हैं और छोटी-बचत योजनाओं में भरोसा रखते हैं।
डिविडेंड इनकम पर टैक्स में राहत
अब कंपनियों या म्यूचुअल फंड्स से मिलने वाली डिविडेंड आय-Dividend Income पर TDS केवल तब कटेगा जब यह ₹10,000 से अधिक हो। पहले यह सीमा ₹5,000 थी। यह विशेष रूप से उन निवेशकों के लिए राहत लाएगा जो नियमित डिविडेंड इनकम पर निर्भर करते हैं।
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बीमा और दलाली कमीशन पर TDS छूट
जो लोग बीमा पॉलिसी बेचते हैं या स्टॉक मार्केट में एजेंट या ब्रोकर्स के रूप में काम करते हैं, उनके लिए भी अच्छी खबर है। बीमा और दलाली कमीशन-Insurance and Brokerage Commission पर TDS की छूट सीमा ₹15,000 से बढ़ाकर ₹20,000 कर दी गई है। इससे छोटे एजेंट्स को अतिरिक्त राहत मिलेगी।
लॉटरी और घुड़दौड़ जीत पर नया नियम
अब लॉटरी या घुड़दौड़ में एक बार में ₹10,000 से अधिक की जीत पर ही TDS कटेगा। पहले यह सीमा कुल वार्षिक आय पर लागू होती थी जिससे कई लोगों को टैक्स देना पड़ता था, भले ही एकल जीत छोटी रही हो।
रेंटल इनकम पर TDS का नया प्रावधान
अगर कोई किरायेदार ₹50,000 प्रति माह या उससे अधिक किराया देता है, तो उसे अब TDS काटना अनिवार्य होगा। पहले यह सीमा सालाना ₹2.4 लाख थी। यह नियम अब रेंटल इनकम वाले प्रोफेशनल्स और घर मालिकों पर सीधा असर डालेगा।
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