नई या पुरानी टैक्स स्कीम – किसमें बचेगा ज्यादा पैसा? जानिए कौन है आपके लिए बेहतर विकल्प

क्या आप टैक्स बचाने के लिए सही विकल्प चुनने में उलझे हुए हैं? जानिए नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था के बीच का अंतर और कैसे सही चुनाव से आप ज्यादा पैसा बचा सकते हैं।

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Written by Rohit Kumar

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नई या पुरानी टैक्स स्कीम – यह सवाल हर टैक्सपेयर के मन में उठता है, खासकर जब वित्तीय वर्ष की शुरुआत होती है। टैक्स व्यवस्था का सही चुनाव आपकी वित्तीय स्थिति को बेहतर बना सकता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि नई और पुरानी टैक्स स्कीम में से कौन सी आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकती है और कैसे आप सही निर्णय ले सकते हैं।

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नई टैक्स व्यवस्था

नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स स्लैब में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इस व्यवस्था का प्रमुख आकर्षण है इसकी सादगी। इसमें आपको आयकर छूट के लिए निवेश करने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे यह उन लोगों के लिए आकर्षक बनता है जो निवेश नहीं करते। यदि आपकी आय ₹12 लाख तक है और आप टैक्स बचाने के लिए किसी भी निवेश का सहारा नहीं लेते, तो नई व्यवस्था आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। इसमें किसी भी तरह की छूट या डिडक्शन का कोई प्रावधान नहीं है, जिससे आप सीधे अपनी आय पर टैक्स की गणना कर सकते हैं। इसके अलावा, ₹75,000 तक की स्टैंडर्ड डिडक्शन के लाभ के कारण ₹12 लाख तक की आय पर टैक्स का भार काफी कम हो जाता है।

नई व्यवस्था में टैक्स स्लैब इस प्रकार हैं: ₹2.5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं, ₹2.5 लाख से ₹5 लाख तक की आय पर 5% टैक्स, ₹5 लाख से ₹10 लाख तक की आय पर 20% टैक्स, और ₹10 लाख से ऊपर की आय पर 30% टैक्स लागू होता है। यह व्यवस्था उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है जो साधारण और कम जटिल टैक्स कैलकुलेशन चाहते हैं।

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पुरानी टैक्स व्यवस्था

पुरानी टैक्स व्यवस्था में एक अलग ही खेल होता है। इसमें आपको विभिन्न टैक्स-सेविंग निवेशों पर टैक्स छूट मिलती है, जैसे कि PPF, EPF, LIC प्रीमियम, होम लोन पर ब्याज, और अन्य विविध योजनाओं में निवेश करने पर। यदि आपकी आय ₹15 लाख या उससे अधिक है और आप इन निवेशों का लाभ उठाते हैं, तो पुरानी व्यवस्था से आप टैक्स बचा सकते हैं।

पुरानी व्यवस्था में टैक्स स्लैब कुछ इस प्रकार होते हैं: ₹2.5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं, ₹2.5 लाख से ₹5 लाख तक की आय पर 5% टैक्स, ₹5 लाख से ₹10 लाख तक की आय पर 20% टैक्स, और ₹10 लाख से ऊपर की आय पर 30% टैक्स। इसके साथ ही, आप विभिन्न प्रकार की टैक्स छूटों का लाभ उठा सकते हैं, जिनमें सेक्शन 80C, 80D, और अन्य शामिल हैं। इस व्यवस्था में टैक्स बचाने के लिए आपको निवेश करना पड़ता है, जिससे यह उन लोगों के लिए बेहतर है जो नियमित रूप से टैक्स बचाने के लिए निवेश करते हैं।

कौन सा विकल्प आपके लिए बेहतर है?

यह पूरी तरह से आपकी वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है। यदि आपकी आय ₹12 लाख तक है और आप टैक्स बचाने के लिए किसी प्रकार का निवेश नहीं करते हैं, तो नई व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है। लेकिन यदि आपकी आय ₹15 लाख या उससे अधिक है और आप टैक्स बचाने के लिए नियमित रूप से निवेश करते हैं, तो पुरानी व्यवस्था आपके लिए अधिक लाभकारी हो सकती है।

यदि आप नियमित रूप से PPF, EPF, LIC, या अन्य टैक्स-सेविंग योजनाओं में निवेश करते हैं, तो पुरानी व्यवस्था से आपको अधिक छूट मिलेगी। इसके अलावा, यदि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जो टैक्स की जटिलता से बचना चाहते हैं और निवेश नहीं करते, तो नई व्यवस्था एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

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