
मोबाइल, यूनिफॉर्म और कैश हैंडलिंग जैसे छोटे-छोटे Allowance हर महीने कर्मचारियों की सैलरी में एक स्थायी बढ़ोतरी लेकर आते हैं। अक्सर देखा गया है कि Base Salary के अलावा मिलने वाले ये भत्ते (Allowance) ही असली Take-Home सैलरी को मजबूत बनाते हैं। कंपनियां अपने कर्मचारियों को मोटिवेट रखने, उनके खर्चों की भरपाई करने और वर्क एफिशिएंसी को बढ़ाने के लिए कई तरह के Allowance देती हैं, जिनकी रकम छोटी होने के बावजूद कुल वेतन पर गहरा असर डालती है।
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मोबाइल भत्ता
आज के डिजिटल युग में लगभग हर कर्मचारी को मोबाइल पर काम करना होता है। चाहे क्लाइंट कॉल्स हों या टीम मीटिंग, सारा कम्युनिकेशन मोबाइल या डेटा के ज़रिए होता है। कंपनियां अब कर्मचारियों को Mobile Allowance देना आम बात हो गई है। यह ₹200 से ₹1,000 प्रति माह तक हो सकता है, जो पूरी तरह टैक्स-फ्री हो सकता है अगर इसका उपयोग केवल ऑफिस वर्क के लिए किया जाए।
यूनिफॉर्म भत्ता
ऐसे कर्मचारी जिन्हें रोज़ाना यूनिफॉर्म पहननी होती है, जैसे सिक्योरिटी गार्ड्स, हेल्थ वर्कर्स या मैन्युफैक्चरिंग स्टाफ, उन्हें Uniform Allowance दिया जाता है। यह Allowance यूनिफॉर्म की खरीद, रख-रखाव और सफाई के खर्च को कवर करता है। आम तौर पर ₹500 से ₹2,000 प्रतिमाह तक की राशि कंपनियां इस मद में देती हैं।
कैश हैंडलिंग Allowance
जिन कर्मचारियों को कैश काउंटर या ट्रांजेक्शन डीलिंग जैसी जिम्मेदारी दी जाती है, उन्हें Cash Handling Allowance दिया जाता है। यह ₹300 से ₹1,500 प्रति माह तक हो सकता है। इसका उद्देश्य इस संवेदनशील कार्य से जुड़ी अतिरिक्त जिम्मेदारी और जोखिम को ध्यान में रखते हुए आर्थिक सहायता देना होता है।
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कन्वेन्स Allowance
कई कंपनियां Travel या Conveyance Allowance भी देती हैं, जिससे कर्मचारियों को ऑफिस आने-जाने के खर्च में राहत मिलती है। यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जो निजी वाहन या लोकल ट्रांसपोर्ट से ऑफिस आते हैं। ₹1,600 प्रति माह तक का कन्वेन्स अलाउंस टैक्स फ्री होता है।
मेडिकल और HRA
Medical Allowance और House Rent Allowance (HRA) अब कंपनियों का एक स्थायी हिस्सा बन चुके हैं। मेडिकल अलाउंस के तहत कर्मचारियों को ₹15,000 प्रति वर्ष तक का भत्ता दिया जा सकता है। वहीं HRA उन कर्मचारियों को मिलता है जो किराए के मकान में रहते हैं, और यह उनकी बेसिक सैलरी का 40% से 50% तक हो सकता है।
डियरनेस और एजुकेशन Allowance
Dearness Allowance (DA) खासकर सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है ताकि महंगाई के असर को कम किया जा सके। यह बेसिक सैलरी का एक प्रतिशत होता है जो समय-समय पर बढ़ता है। वहीं Education Allowance कर्मचारियों को उनके बच्चों की पढ़ाई में मदद के लिए दिया जाता है, जो ₹100 प्रति माह प्रति बच्चा (अधिकतम दो बच्चों तक) टैक्स फ्री होता है।
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