
8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा के बाद से ही सरकारी कर्मचारी इसको लेकर उत्सुक हैं कि यह कब लागू होगा। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी, 2026 से लागू किया जाएगा। हालांकि, आयोग के गठन की सटीक तारीख का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन पिछले वेतन आयोगों की समय-सीमा को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इसकी औपचारिक घोषणा के कुछ महीनों के भीतर समिति का गठन कर दिया जाएगा। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, 8वें वेतन आयोग को लागू करने का निर्णय 17 जनवरी, 2025 को लिया गया था।
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8वें वेतन आयोग का गठन कब होगा?
इतिहास को देखें तो प्रत्येक वेतन आयोग के गठन में अलग-अलग समय लगा है। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले आयोगों के गठन में लिए गए समय को देखते हुए 8वें वेतन आयोग के मार्च से जुलाई 2025 के बीच गठित होने की संभावना है।
- 7वां वेतन आयोग: 25 सितंबर, 2013 को घोषित हुआ और 28 फरवरी, 2014 को गठित हुआ – 5 महीने का अंतर।
- 6वां वेतन आयोग: जुलाई 2006 में घोषित हुआ और अक्टूबर 2006 में गठित हुआ – 3 महीने का समय लगा।
- 5वां वेतन आयोग: अप्रैल 1994 में मंजूरी मिली और जून 1994 में गठित हुआ – 2 महीने के भीतर।
इन आंकड़ों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि घोषणा के बाद कुछ ही महीनों में समिति का गठन हो जाता है। हालांकि, इस बार इसकी प्रक्रिया कितनी तेजी से आगे बढ़ेगी, यह सरकार के फैसलों पर निर्भर करेगा।
वेतन आयोग की भूमिका
सरकार प्रत्येक दशक में एक नया वेतन आयोग गठित करती है, जिससे सरकारी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और भत्तों का पुनर्मूल्यांकन किया जाता है। इस प्रक्रिया में देश की आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति और सरकारी खजाने पर संभावित प्रभाव का आकलन किया जाता है।
8वें वेतन आयोग का लाभ लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिलेगा। इसकी सिफारिशें लागू होने के बाद कर्मचारियों के वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी।
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फिटमेंट फैक्टर और वेतन वृद्धि का संभावित असर
फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) वेतन वृद्धि का महत्वपूर्ण घटक होता है।
- 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसके तहत लेवल-1 के कर्मचारियों का मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया था।
- 8वें वेतन आयोग में इस फैक्टर को 2.86 तक बढ़ाने की चर्चा हो रही है। यदि ऐसा हुआ, तो लेवल-1 के कर्मचारियों का वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है।
इसके अलावा, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और परिवहन भत्ता (TA) जैसे अन्य लाभों को जोड़ने के बाद कुल वेतन में और भी वृद्धि हो सकती है। यह सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा आर्थिक लाभ होगा।
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