DA Hike News: केंद्रीय कर्मचारियों को नहीं मिलेंगे 18 माह के डीए-डीआर के ₹34 हजार करोड़, संसद में सरकार का दो टूक बयान

संसद में केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि केंद्रीय कर्मचारियों को 18 महीने का रोका गया डीए-डीआर बकाया नहीं मिलेगा। लगभग ₹34,000 करोड़ की यह रकम अब कर्मचारियों के हाथ से निकल चुकी है। जानिए क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला और इसका लाखों परिवारों पर क्या असर होगा।

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Written by Rohit Kumar

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DA Hike News: केंद्रीय कर्मचारियों को नहीं मिलेंगे 18 माह के डीए-डीआर के ₹34 हजार करोड़, संसद में सरकार का दो टूक बयान
DA Hike News: केंद्रीय कर्मचारियों को नहीं मिलेंगे 18 माह के डीए-डीआर के ₹34 हजार करोड़, संसद में सरकार का दो टूक बयान

केंद्र सरकार ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि कोविड-19 के दौरान कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) की 18 माह की बकाया राशि जारी करना संभव नहीं हैं। संसद के मौजूदा मानसून सत्र में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वर्ष 2020 में वैश्विक महामारी के आर्थिक प्रभाव और कल्याणकारी योजनाओं के वित्तपोषण के कारण वित्तीय स्थिति पर गंभीर असर पड़ा था, ऐसे में यह एरियर भुगतान व्याहारिक नहीं हैं।

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सरकार का तर्क वित्तीय दबाव और महामारी का असर

वित्त राज्य मंत्री ने लोकसभा में बताया कि 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से देय तीन किस्तों को फ्रीज करने का निर्णय कोविड-19 के दौरान आर्थिक व्यवधान को देखते हुए लिया गया था, यह कदम राजकोष पर दवाब कम करने के लिए उठाया गया था, पंकज चौधरी ने दोहराया कि वित्त वर्ष 2020-21 के बाद भी इसका राजकीयकोष असर रहा, जिसके कारण बकाया AD/DR देना संभव नहीं है।

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कर्मचारी संगठनों की लगातार मांग

जेसीएम ‘स्टाफ साइड’, नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (NJCA), कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स, और अन्य कई कर्मचारी संगठन इस 34,402 करोड़ रुपये की बकाया राशि की मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं। इन संगठनों ने वित्त मंत्रालय और कैबिनेट सचिव को कई बार पत्र भेजे हैं, साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया है जिसमें ऐसे मामलों में 6% ब्याज के साथ भुगतान का प्रावधान बताया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला

अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF) के महासचिव सी. श्रीकुमार के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि रोके गए भुगतान पर कर्मचारियों को ब्याज सहित रकम लौटानी होती है। बावजूद इसके, केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक रोकी गई तीन किस्तों का एरियर देने से मना कर दिया। श्रीकुमार का आरोप है कि सरकार ने कोविड-19 की आड़ में 11% DA का भुगतान रोककर करोड़ों रुपये बचाए।

संसद में बार-बार उठा मुद्दा

सांसद आनंद भदौरिया ने इस वर्ष फरवरी और फिर मानसून सत्र में DA/DR के एरियर पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि बकाया राशि का भुगतान न केवल कर्मचारियों के लिए न्यायसंगत होगा, बल्कि अर्थव्यवस्था में खपत को भी बढ़ावा देगा। हालांकि, सरकार का जवाब दोनों बार एक जैसा रहा “प्रश्न ही नहीं उठता”।

बजट में भी नहीं मिला जिक्र

केंद्रीय बजट में भी इस बकाया राशि का कोई प्रावधान नहीं किया गया। सरकार ने माना कि इस संबंध में कई संगठनों के आवेदन मिले हैं, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में एरियर जारी करना संभव नहीं है। पिछली बार भी राज्यसभा में यही जवाब दिया गया था।

अर्धसैनिक बलों और पेंशनर्स की अपील

अलॉयंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन ने हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ईमेल भेजकर अर्धसैनिक बलों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करने और बकाया DA/DR जारी करने की मांग की। इसी तरह, ‘भारत पेंशनर समाज’ और नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के पदाधिकारियों ने भी इसे कर्मचारियों का “हक” बताते हुए तुरंत भुगतान की मांग की।

2021 में DA बहाल, पर एरियर पर चुप्पी

कोरोनाकाल के बाद जुलाई 2021 में केंद्र सरकार ने 28% की दर से DA बहाल करने की घोषणा की। इसका मतलब यह हुआ कि जून 2021 और जुलाई 2021 के बीच DA में 11% की एकमुश्त वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच की 18 माह की बकाया राशि पर सरकार ने कोई टिप्पणी नहीं की।

कर्मचारियों की निराशा और भविष्य की उम्मीदें

कर्मचारी संगठनों का मानना है कि अब जबकि अर्थव्यवस्था पटरी पर है, सरकार को अपने कर्मियों और पेंशनरों के प्रति जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उनका तर्क है कि सरकारी सेवा कोई अनुबंध नहीं बल्कि एक स्थायी व्यवस्था है, जिसमें नीतिगत फैसलों का असर सीधे कर्मचारियों की आजीविका पर पड़ता है। फिलहाल, सरकार के रुख से यह स्पष्ट है कि निकट भविष्य में इस बकाया राशि के भुगतान की संभावना कम है।

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