EPS 95 (Employee Pension Scheme 1995) के अंतर्गत आने वाले पेंशन भोगियों ने अपनी मिनिमम पेंशन 1000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये प्रति माह करने की मांग को लेकर एक जोरदार आंदोलन शुरू किया है। इस आंदोलन का नेतृत्व नेशनल एजीटेशन कमिटी (NAC) द्वारा किया जा रहा है, जिसने दिल्ली में अपना डेरा डाल दिया है।
पृष्ठभूमि और मुख्य घटनाक्रम
ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation) के अधिकारियों और NAC प्रतिनिधियों के बीच हाल ही में दिल्ली में व्यापक चर्चाएँ हुईं, जिसमें मिनिमम पेंशन बढ़ाने, उच्च पेंशन लाभों और मेडिकल सुविधाओं पर जोर दिया गया। NAC के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कमांडर अशोक राउत और राष्ट्रीय महासचिव ने EPFO के सीनियर अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की।
प्रमुख मांगें और प्रतिक्रिया
पेंशन भोगियों की प्रमुख मांगें मिनिमम पेंशन में वृद्धि, महंगाई भत्ता, और व्यापक मेडिकल सुविधाएं शामिल हैं। इन मांगों के प्रति ईपीएफओ की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है, और चर्चा के दौरान इन मुद्दों को प्राथमिकता दी गई है। इसी संदर्भ में, अतिरिक्त केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त, प्रशासन चंद्रमौली चक्रवर्ती ने स्पष्ट किया कि इन मांगों की गहन समीक्षा की जा रही है।
विरोध प्रदर्शन और सामाजिक प्रभाव
31 जुलाई 2024 को जंतर मंतर पर हुए विरोध प्रदर्शन में हजारों पेंशन भोगियों ने हिस्सा लिया। इस प्रदर्शन ने न केवल सरकार बल्कि समूचे देश का ध्यान इन मुद्दों की ओर आकर्षित किया।
आगे की राह
NAC और EPFO के बीच निरंतर संवाद और चर्चाओं का आयोजन जारी है। पेंशन भोगियों की उचित मांगों को मंजूरी देने के लिए सरकार और संगठन दोनों ही प्रयासरत हैं। इसके साथ ही, व्यापक चिकित्सा सुविधाएं और उचित महंगाई भत्ता प्रदान करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है, जिससे पेंशन भोगियों की जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सके।
क्या कर रही है मोदी सरकार… कितनी यातनाये देगी हम पेंशनर्स को. कब मानेगी हमारी बात.?.
Chahe kutchh bhi ho Jaye Modi govt. Will not give rise in pension. He is an stone hearted person and have no feelings for senior citizen
मोदी ज़ी निर्मला ज़ी कुछ तो भला करदो हम पेंशन धारको का????