भारत सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तकनीकी ढांचे को उन्नत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को राहत प्रदान करना और संगठन में विश्वास को मजबूत करना है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया के अनुसार, सरकार ने EPFO की पुरानी आईटी प्रणाली की समस्याओं को पहचाना है और इन्हें सुधारने के लिए नई पहल की शुरुआत की है।
तकनीकी उन्नतियां और EPFO 3.0
EPFO की आईटी प्रणाली में सुधार के लिए EPFO 3.0 का शुभारंभ किया जा रहा है। इस नई पहल के तहत, पहले ही कुछ महीनों में लगभग 25% तकनीकी मुद्दों का समाधान किया जा चुका है, और आने वाले महीनों में 30% और समस्याओं के हल होने की उम्मीद है। इसके अलावा, जुलाई में कर्मचारी भविष्य निधि अधिकारी संघ (EPFOA) ने भी इस दिशा में सरकार से सहायता मांगी थी।
ग्राहकों के लिए सुविधाएं
मंत्री मंडाविया ने यह भी घोषणा की कि ग्राहक अब एक बार में अधिकतम 1 लाख रुपये तक निकाल सकते हैं, जो पिछली सीमा 50,000 रुपये से दोगुनी है। यह परिवर्तन उपभोग व्यय में आए बदलाव के अनुरूप किया गया है।
EPFO का भविष्य और रोजगार संवर्धन
श्रम सचिव सुमिता डावरा के अनुसार, EPFO न केवल श्रमिकों की सेवा करता है बल्कि यह सरकार के लिए रोजगार सृजन को ट्रैक करने का भी एक महत्वपूर्ण मंच है। EPFO की योजनाओं और प्रगति की निगरानी करने में मदद से भविष्य की रोजगार संबंधित नीतियों का निर्धारण किया जा सकेगा।
निष्कर्ष
सरकार द्वारा EPFO की तकनीकी ढांचे को सुधारने के लिए उठाए गए कदमों से न केवल संगठन की कार्यक्षमता बढ़ेगी बल्कि ग्राहकों का विश्वास भी मजबूत होगा। यह पहल लाखों भारतीय श्रमिकों के जीवन में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।