OPS: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 24 अगस्त को, केंद्रीय कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ अपने आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। इस बैठक का आयोजन ऐसे समय पर हो रहा है जब जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव निकट हैं, जिससे इसकी अहमियत और बढ़ जाती है। इस संदर्भ में, कार्मिक मंत्रालय ने 21 अगस्त को एक आधिकारिक नोटिस जारी किया था।
बैठक की विशेषता
इस बैठक की विशेषता यह है कि पिछले 10 वर्षों में यह पहली बार हो रहा है जब प्रधानमंत्री और केंद्रीय कर्मचारियों की नेशनल काउंसिल, जिसे जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) भी कहा जाता है, के सदस्य एक साथ चर्चा करेंगे। इस बैठक में पुरानी पेंशन योजना (OPS), नई पेंशन योजना (NPS) और संभावित 8वें वेतन आयोग जैसे प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श होने की संभावना है।
बता दें, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र के दौरान NPS में सुधार के संकेत दिए थे, जबकि वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में यह स्पष्ट किया था कि सरकार OPS की बहाली पर विचार नहीं कर रही है। यह स्थिति केंद्रीय कर्मचारियों के बीच एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बनी हुई है।
AIDEF ने किया बैठक का बहिष्कार
ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉई फेडरेशन (AIDEF) जो रेलवे के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का सबसे बड़ा संगठन है, ने इस बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। महासचिव सी श्रीकुमार ने बताया कि संगठन इस बैठक में हिस्सा नहीं लेगा, क्योंकि इसमें पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली पर चर्चा नहीं हो रही, बल्कि नई पेंशन योजना (NPS) में सुधार की बात की जा रही है।
AIDEF ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वे केवल OPS की बहाली चाहते हैं। इसी संगठन ने 15 जुलाई को वित्त मंत्रालय की बैठक का भी बहिष्कार किया था।
पुरानी पेंशन बहाली की मांग
OPS की बहाली के लिए कर्मचारी संगठनों ने 29 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था, जिसमें सरकार से NPS को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की गई थी। संगठनों ने यह भी चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो वे 1 मई 2024 से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। हालांकि, सरकार की ओर से चर्चा का आश्वासन मिलने के बाद यह हड़ताल स्थगित कर दी गई थी।
वित्त सचिव की अध्यक्षता में हुआ कमेटी का गठन
NPS में सुधार के लिए मार्च 2024 में उस समय के वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी ने वैश्विक पेंशन योजनाओं के साथ-साथ आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा किए गए सुधारों का अध्ययन किया। इसके परिणामस्वरूप यह निष्कर्ष निकला कि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 40-45% पेंशन के रूप में देने में सक्षम हो सकती है। हाल ही में आई रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि सरकार अंतिम वेतन का 50% पेंशन की गारंटी देने की योजना बना रही है।
सरल शब्दों में, यदि किसी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम सैलरी 50,000 रुपए थी, तो सरकार हर महीने 25,000 रुपए पेंशन देने का प्रस्ताव रख सकती है।