NPS नही तो इस स्कीम से वरिष्ठ नागरिकों को होगा बेहतर फायदा, इस तरह से शुरू करें निवेश

सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (SWP) म्यूचुअल फंड से नियमित आय प्रदान करता है, जिसे मासिक, तिमाही, या वार्षिक आधार पर सेट किया जा सकता है। यह निवेशकों को महंगाई के प्रति सुरक्षित और लगातार नकदी प्रवाह सुनिश्चित करता है।

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Written by Rohit Kumar

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NPS नही तो इस स्कीम से वरिष्ठ नागरिकों को होगा बड़ा फायदा, ऐसे शुरू करें निवेश

भारत में रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय योजना बनाना एक महत्वपूर्ण कार्य है, खासकर जब सरकारी योजना जैसे कि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) जैसे विकल्प उपलब्ध न हों। ऐसे में, सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (SWP) वित्तीय स्थिरता प्रदान करने का एक आकर्षक विकल्प बन के उभरता है।

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SWP का परिचय

SWP एक निवेश रणनीति है जिसमें निवेशक एक म्यूचुअल फंड स्कीम से नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि निकाल सकता है। यह राशि मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर निर्धारित की जा सकती है, जिससे यह विकल्प विशेष रूप से रिटायर्ड व्यक्तियों के लिए आय का एक स्थिर स्रोत बन जाता है।

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योजना की कार्यप्रणाली

निवेशक जिस म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर रहा होता है, उसमें से वह नियमित रूप से कुछ यूनिट्स बेचकर नकदी प्राप्त कर सकता है। इस प्रक्रिया को स्थापित करने के लिए, निवेशक को अपने एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास एक निर्देश स्लिप जमा करानी पड़ती है जिसमें निकासी की फ्रीक्वेंसी और राशि स्पष्ट रूप से उल्लेखित होती है।

वित्तीय लाभ

जहां सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) निवेशकों को म्यूचुअल फंड में नियमित रूप से निवेश करने की सुविधा देता है, वहीं SWP निवेशकों को नियमित रूप से धन निकालने की सुविधा प्रदान करता है। इससे निवेशक के निवेश पर नियमित आय प्राप्त होती है।

वित्तीय लाभ

अगर कोई निवेशक 50 लाख रुपये का निवेश करता है और उस पर 8.5% का वार्षिक रिटर्न प्राप्त करता है, तो वह मासिक आधार पर लगभग 35,417 रुपये की आय उत्पन्न कर सकता है, जो कि मासिक खर्च को सहारा देने में मददगार सिद्ध हो सकता है।

SWP बनाम SIP

जहां सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) निवेशकों को म्यूचुअल फंड में नियमित रूप से निवेश करने की सुविधा देता है, वहीं SWP निवेशकों को नियमित रूप से धन निकालने की सुविधा प्रदान करता है। इससे निवेशक के निवेश पर नियमित आय प्राप्त होती है।

सावधानियां

SWP का संचालन तब तक सुचारू रूप से चलता है जब तक फंड में पर्याप्त धन उपलब्ध है। इसलिए, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे इक्विटी के बजाय डेट या लिक्विड फंड में SWP लागू करें, क्योंकि बाजार में गिरावट के समय में इक्विटी फंड से नियमित आय बनाए रखना कठिन हो सकता है।

SWP न केवल रिटायरमेंट के बाद की आय का एक सुरक्षित जरिया प्रदान करता है, बल्कि यह महंगाई का मुकाबला करने और निवेशकों को बाजार की उतार-चढ़ाव से सुरक्षित रखने में भी सहायक होता है।

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