
महँगाई भत्ता (DA/DR): आज के समय में महँगाई एक गंभीर समस्या बन चुकी है, लेकिन इसके बावजूद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महँगाई भत्ते का सही और वास्तविक लाभ नहीं मिल पाता है। इसी मुद्दे पर कांफिडेरशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉईज एंड वर्कर्स ने सरकार से सुधार की मांग करते हुए एक पत्र लिखा है। इस पत्र में महँगाई भत्ते (DA) और महँगाई राहत (DR) की मौजूदा गणना प्रक्रिया को लेकर कई खामियां उजागर की गई हैं।
DA/DR सुधार के लिए सरकार को लिखा गया पत्र
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की तरफ से 17 जनवरी 2025 को कैबिनेट सचिव को एक आधिकारिक पत्र भेजा गया। इस पत्र में मौजूदा DA/DR गणना फॉर्मूले और प्रक्रियाओं में सुधार की मांग की गई है। संघटन के महासचिव एस.बी. यादव ने कहा कि महँगाई के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए मौजूदा फॉर्मूलों को अपडेट करना जरूरी हो गया है।
उन्होंने सुझाव दिया कि DA की गणना हर 3 महीने में होनी चाहिए ताकि कर्मचारी और पेंशनभोगी महँगाई के वास्तविक प्रभाव से तुरंत लाभान्वित हो सकें।
DA/DR सुधार के लिए मुख्य मांगे
DA गणना के मौजूदा फॉर्मूले की खामियां
DA की गणना के लिए अभी पुराने तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके तहत:
- केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मौजूदा फॉर्मूला है:
DA = {(AICPI (Base year 2016 = 100) का 12 महीने का औसत – 115.76)/115.76} × 100 - सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए फॉर्मूला है:
DA = {(AICPI (Base year 2001 = 100) का 3 महीने का औसत – 126.33)/126.33} × 100
इन फॉर्मूलों के कारण कर्मचारियों को वास्तविक महँगाई का फायदा नहीं मिल पाता।
12 महीने की जगह 3 महीने के औसत से DA गणना हो
संघटन ने मांग की है कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के DA की गणना के लिए 12 महीने के औसत की जगह 3 महीने का औसत अपनाया जाए। इससे हर 3 महीने में महँगाई के अनुसार DA को संशोधित किया जा सकेगा, और कर्मचारी महँगाई के प्रभाव से तुरंत लाभान्वित हो सकेंगे।
तिमाही आधार पर DA का पुनर्निर्धारण
सार्वजनिक क्षेत्र और बैंकों के कर्मचारियों का DA हर 3 महीने में संशोधित होता है, जबकि सरकारी कर्मचारियों का DA हर 6 महीने में। इस देरी के कारण कर्मचारियों को मूल्य वृद्धि का लाभ कई महीनों बाद मिलता है। संघटन ने मांग की है कि केंद्रीय कर्मचारियों के DA का पुनर्निर्धारण भी तिमाही आधार पर किया जाए।
पॉइंट-टू-पॉइंट DA लागू हो
अभी के नियमों के अनुसार DA की गणना में दशमलव अंकों को न्यूनतम स्तर पर गोल कर दिया जाता है।
उदाहरण के लिए, अगर DA 43.90% बनता है तो इसे 43% माना जाता है, जिससे कर्मचारियों को नुकसान होता है। संघटन ने मांग की है कि बैंक और LIC कर्मचारियों की तरह पॉइंट-टू-पॉइंट DA लागू किया जाए।
अलग उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI)
DA की गणना के लिए वर्तमान में 465 वस्तुओं के आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) तैयार किया जाता है। इनमें से कई वस्तुएं सरकारी कर्मचारियों की दैनिक जरूरतों से मेल नहीं खातीं। छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, संघटन ने सरकारी कर्मचारियों के लिए अलग CPI तैयार करने की मांग की है।
खुदरा कीमतों की सही गणना
लेबर ब्यूरो द्वारा तैयार किया गया CPI और बाजार की वास्तविक कीमतों में लगभग 30% का अंतर होता है। संघटन ने कहा है कि डायरेक्टरेट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड स्टैटिस्टिक्स और डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स द्वारा तैयार की गई कीमतें ज्यादा सटीक हैं। इसलिए, खुदरा कीमतों की गणना के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत
अगर इन मांगों को स्वीकार किया जाता है, तो हर 6 महीने की बजाय हर 3 महीने में DA/DR में बदलाव होगा। साथ ही, महँगाई भत्ते की गणना ज्यादा सटीक और पारदर्शी तरीके से की जाएगी। इससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वास्तविक महँगाई के आधार पर राहत मिलेगी।
यह सुधार न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करेगा बल्कि उन्हें बढ़ती महँगाई का सामना करने में भी मदद करेगा।