केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना (OPS) को पुनः लागू करने की निरंतर मांग उठ रही है, जिसे देखते हुए भारत सरकार ने इस दिशा में गंभीरता से कदम उठाना शुरू कर दिया है। हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि OPS की पूर्ण बहाली की संभावना नहीं है, फिर भी नवीन संशोधनों के जरिए कर्मचारियों की चिंताओं का समाधान करने की ओर अग्रसर है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में सुधार
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS), जिसने पुरानी पेंशन योजना की जगह ली थी, में अब महत्वपूर्ण सुधार किए जा रहे हैं। इन सुधारों के अंतर्गत, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का कम से कम 50% पेंशन के रूप में प्राप्त होने की गारंटी दी जा रही है। यह पहल उन कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जिन्होंने लंबी अवधि तक सेवाएं प्रदान की हैं।
राज्यों की पहल
कई राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार करते हुए पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू कर दिया है, जिनमे हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान, और झारखंड शामिल हैं। इससे केंद्र सरकार पर भी इसी तरह की पहल करने का दबाव बढ़ा है।
सरकारी पहल और नीतिगत सुधार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि एक विशेष समिति का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता वित्त सचिव डी.वी. सोमनाथन करेंगे। यह समिति राष्ट्रीय पेंशन योजना में आवश्यक सुधारों पर विचार करेगी। इस समिति का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति पर उनके अंतिम वेतन का न्यूनतम 50% प्रदान करना है।
विशेष बचत खाता
सरकार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत एक विशेष बचत खाता स्थापित करने पर विचार कर रही है जिसमें सरकारी कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त धनराशि जमा की जाएगी ताकि उन्हें सेवानिवृत्ति के दौरान पर्याप्त पेंशन प्राप्त हो सके।
इस प्रकार, केंद्र सरकार की नई नीतियों और सुधारों के माध्यम से कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति जीवन को सुरक्षित और आर्थिक रूप से संतुष्ट करने की दिशा में अग्रसर है। ये बदलाव न केवल मौजूदा कर्मचारियों को लाभान्वित करेंगे, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी एक मजबूत और न्यायसंगत पेंशन प्रणाली सुनिश्चित करेंगे।